रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
भारतीय चिन्तन में पर्यावरण और प्रकृति की वैज्ञानिक चेतना सदैव रही है। प्राचीन काल में वन और नदियों के तट ही उत्कृष्ट अनुसंधान के केंद्र थे। यहीं हमारे ऋषियों ने पौधों, वृक्षों के संबन्ध में शोध किये थे। आज की अत्यंत महंगी प्रयोगशालाओं व अनुसंधान केंद्रों के निष्कर्ष भी यही प्रमाणित कर रहे है। तुलसी, पीपल बरगद हरिशंकरी, पंचवटी आदि पर प्राचीन भारतीय शोध अचंभित करने वाली है। पीपल,बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण को हरिशंकरी कहते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभूतपूर्व पौधारोपण अभियान चलाया है। इसके अंतर्गत प्रदेश में पच्चीस करोड़ पौधों का रोपण होगा। लखनऊ में योगी ने हरिशंकरी के वृक्षों का रोपणकर मिशन वृक्षारोपण का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने वनस्पति वैविध्य महाअभियान पुस्तक का विमोचन भी किया। इसी प्रकार सहजन के गुणों का भी अनुसंधान प्राचीन काल में ही भारतीय मनीषियों ने कर लिया था। योगी ने अभियान में इसको भी महत्व दिया।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत तीस लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इन आवासों में सहजन के पौधे को रोपित करने का कार्य किया गया है। योगी ने कहा कि सहजन की फली का सेवन करने से कुपोषण से बचा जा सकता है। उत्तर प्रदेश की भूमि दुनिया की सबसे अधिक उपजाऊ भूमि है, यहां सिंचाई के अच्छे स्रोत भी हैं। नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे डेढ़ करोड़ पौधे रोपित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में क्रमशः पांच करोड़, ग्यारह करोड़ तथा बाइस करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं। इस वर्ष एक ही दिन में पच्चीस करोड़ वृक्ष लगाए जा रहे हैं। वृक्षों को जियो टैग भी किया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज की तिथि का विशेष महत्व है।
भारत के ज्ञान की परम्परा के प्रतीक भगवान वेदव्यास की आज जन्मतिथि भी है। व्यास पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा के रूप में जानी जाती है। योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ में जाकर गुरु पूजा में सम्मलित भी हुए। प्रदेश में एक दिन में पच्चीस करोड़ से अधिक औषधीय,फलदार, पर्यावरणीय,छायादार, चारा औद्योगिक व प्रकाष्ठ की दृष्टि से महत्वपूर्ण दो सौ एक से अधिक प्रजातियों के पौधे रोपे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत वृक्षारोपण किया जा रहा है। योगी ने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोविड से जूझ रहा है। इम्युनिटी पावर को बढ़ाकर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। आयुर्वेद में अनेक ऐसी औषधीय वनस्पतियां हैं,जिनका काढ़ा पीने से हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।