उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘भारत में एलआईसी भरोसे का दूसरा नाम है. आम लोग अपनी मेहनत की कमाई भविष्य की सुरक्षा के लिए एलआईसी में लगाते हैं, लेकिन बीजेपी सरकार उनके भरोसे को चकनाचूर करते हुए एलआईसी का पैसा घाटे वाली कम्पनियों में लगा रही है. ये कैसी नीति है जो केवल नुकसान नीति बन गई है?’
भारत में LIC भरोसे का दूसरा नाम है. आम लोग अपनी मेहनत की कमाई भविष्य की सुरक्षा के लिए LIC में लगाते हैं.लेकिन बीजेपी सरकार उनके भरोसे को चकनाचूर करते हुए LIC का पैसा घाटे वाली कम्पनियों में लगा रही है.
प्रियंका ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया उसके मुताबिक शेयर मार्केट में बिकवाली का प्रभाव कई कंपनियों पर भी पड़ रहा है व बीते ढाई महीने में एलआईसी को शेयर मार्केट में निवेश से करीब 57,000 करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है. दरअसल, एलआईसी ने जिन कंपनियों में निवेश किया था, उन कंपनियों की मार्केट पूंजी में बहुत ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है.
वैसे यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका ने किसी रिपोर्ट के हवाले से सरकार पर निशाना साधा है. इससे पहले भी कई मौकों पर वह सरकार को आड़े हाथ लेती रही हैं. गुरुवार को उन्होंने एक रिपोर्ट के हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘भारतीय लोग अपना पैसा देश में रखना नहीं चाहते, व्यवसायों में निवेश नहीं करना चाहते. बाहर से निवेश आ नहीं रहा. बीजेपी सरकार की ये कौन सी आर्थिक नीतियां हैं जिस पर से सबका भरोसा उठ चुका है?’
गांधी ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया था उसके अनुसार इस वर्ष जुलाई के महीने में हिंदुस्तानियों ने उदारीकृत प्रेषण योजना(लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम एलआरएस) के तहत 1.69 बिलियन डॉलर रुपये विदेश भेजे हैं. यह विदेश भेजे जाने वाली अब तक की सबसे ज्यादा राशि है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रदान की गई इस सुविधा के तहत विदेशों में पढ़ाई करने वाले भारतीयों, ईलाज, रिश्तेदारों, आप्रवासियों को पैसे भेजे जा सकते हैं.