भगवद् गीता में प्रभु श्री कृष्ण के उपदेशों का वर्णन है। गीता के ये उपदेश श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के चलते अर्जुन को दिए थे। भगवद् गीता में श्रीकृष्ण ने मनुष्य की बर्बादी के 5 कारण बताए हैं।
भगवद गीता में, भगवान कृष्ण पांच कारणों की पहचान करते हैं जो किसी व्यक्ति के विनाश का कारण बन सकते हैं, यहां तक कि वह व्यक्ति भी जो सुखी जीवन जी रहा हो। ये ऐसे कारक हैं जो एक संतुष्ट व्यक्ति को भी बर्बादी की राह पर धकेल सकते हैं।
1. गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि नींद, थकान, डर, क्रोध और कार्यों को टालने की आदत इंसान की बर्बादी का पहला कारण है। इंसान एक बार इनकी चपेट में फंस गया तो उसका जीवन बर्बाद होना निश्चित है। इसलिए ये गलतियां करने से बचें।
2. बहुत अधिक खुशी या अत्यंत दुख की स्थिति में बड़े फैसले नहीं लेने चाहिए। ये दोनों परिस्थितियां इंसान को सही निर्णय नहीं लेने देती हैं।
3. श्रीकृष्ण कहते हैं कि विपरीत परिस्थिति में हौसला हारने वाले कभी सफल नहीं होते। मुश्किलों में सकारात्मक सोच रखने से ही आपके अच्छे दिन आते हैं।
4. जब इंसान में खुद को बदलने की ताकत नहीं होती है, तो वो भाग्य और ईश्वर को दोष देने लगता है। ऐसे लोग कभी सफल नहीं होते हैं।
5. पैसा आने के बाद इंसान खुद को धनवान समझने लगता है। कुछ लोग तो अहंकार से भर जाते हैं और मूल व्यवहार को ही भूल जाते हैं।
जबकि सही मायनों में अच्छी सोच, मधुर व्यवहार तथा सुंदर विचार वाला इंसान ही धनवान है। ऐसा व्यक्तित्व अनमोल होता है।
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