रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
आपदा में अवसर तलाशने की यात्रा आगे बढ़ रही है। इस अवधि में लखनऊ विश्वविद्यालय ने भी अनेक उल्लेखनीय कार्य किये है। जिसमें शैक्षणिक व आपदा प्रबंधन संबधी कार्य शामिल है। इसी क्रम में आज त्रैमासिक अकादमिक पत्रिका का विमोचन किया गया। विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी और आधुनिक युरोपीय भाषा विभाग ने अपने नये त्रैमासिक पत्रिका रेतोरिका: द क्वार्तर्ली, ए लिटररी जर्नल ऑफ़ आर्ट्स का ई-विमोचन कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और अतिथि डॉ. अनामिका ने किया। प्रो.राय ने महामारी के दौरान की गई इस पहल पर विभाग को बधाई दी और अकादमिक और सांस्क्रितिक प्रयासों में निरंतर और सफल होने के लिए प्रेरित किया।
विभागाध्यक्ष प्रो. रानू उनियाल ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और पत्रिका के पीछे के दृष्टिकोण का परिचय दिया। उद्घाटन किये गये संस्करन को स्वर्गीय मोहिनी मांगलिक को समर्पित किया गया, जो पिछले तीन दशकों से विभाग में कार्यरत थी। और इस साल की शुरुआत में उनका निधन हो गया था। डॉ अनामिका ने अपनी आध्यात्मिक प्रेरणा से बात करते हुए काव्य लिखने में सक्षम होने के लिए सौंदर्यशास्त्र और नैतिकता के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने गुणवत्ता से भरे पत्रिका को सफलतापूर्वक प्रकाशित करने और वितरित करने के लिए विभाग को बधाई दी और सराहना की।
विभाग के छात्र श्रुति मिश्रा, मोहम्मद हेजश, गलुह द्वी अजेंग, सत्यम सिंह और आकांशा पांडे ने तब अपनी प्रस्तुतियाँ पढ़ीं। जिन्हें ई सत्र के प्रतिभागियों ने बहुत सराहा। आशुतोष अग्रवाल ने पत्रिका की तैयारी के दौरान आने वाले प्रयासों और चुनौतियों के बारे में जानकारी दी और पत्रिका को प्रिंट रूप में लाने के साथ-साथ उसी के लिए एक ISSN नंबर प्राप्त करने के लिए अपने दृष्टिकोण और भविष्य के लक्ष्य को साझा किया। कार्यक्रम का संचालन अंश शर्मा ने किया और वोट ऑफ थैंक्स का प्रस्ताव अमृता शर्मा ने किया।