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पारंपरिक लोक उत्सवों से एलयू के 65वें दीक्षांत का आगाज

• एलयू के मालवीय सभागार में हुआ अभ्युत्थानम समारोह

लखनऊ विश्वविद्यालय के “सांस्कृतिकी” परिवार के “अभ्युत्थानम” कार्यक्रम में नवसृजन और उत्साह का शिक्षक-शिक्षिकाओं में खूब उत्साह दिखाई दिया। यूनिवर्सिटी के मालवीय सभागार में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में सूर्य के उत्तरायण वाले दिन यूनिवर्सिटी 65वें दीक्षांत समारोह की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी शिक्षकों व स्टूडेंट्स में वाइस चांसलर को दूसरे टर्म मिलने पर की ख़ुशी और उत्साह दिखाई दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति प्रो आलोक कुमार राय थे। जिन्होंने “जल भरो” अनुष्ठान से कार्यक्रम “अभ्युत्थानम” की शुरुआत कर जल संरक्षण का संदेश दिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत कुलगीत से हुई। “सांस्कृतिकी” की निर्देशिका प्रो मधुरिमा लाल व अन्य शिक्षिकाओं के समूह ने ‘गुरु वंदना’ कर गुरुओं का वंदन किया तो स्टूडेंट्स ने भावपूर्ण नृत्य किया। ‘तीन वर्ष एक झरोखा’ कार्यक्रम के अंतर्गत वीसी प्रो आलोक कुमार राय के निर्देशन में यूनिवर्सिटी ने प्रगति की जिन नई ऊंचाइयों को छुआ और NAAC A++ प्राप्त करने वाला राज्य की पहली यूनिवर्सिटी बनने का सफर, प्रदर्शित किया गया। शस्य- श्यामला प्रकृति की नवीनता पर केंद्रित तीन लोकधर्मी उत्सव, लोहड़ी, मकर संक्रांति, माघी बिहू और भांगड़ा नृत्य से पारंपरिक लोकरंग पेश किये गये। वीसी प्रो आलोक कुमार राय ने स्टूडेंट्स के उन अभिभावकों को सम्मानित किया, जिन्होंने यूनिवर्सिटी में रहते हुए सर्वाधिक पैकेज पर नियुक्ति पत्र प्राप्त किए।

प्रो आलोक कुमार राय ने सबसे पहले सभी को लोहड़ी और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि NAAC की A ++ रैंकिंग हमारी शुरुआत है। यूनिवर्सिटी को अभी सबके साथ और एक नए विश्वास से नैतिक और व्यावहारिक उपलब्धियों को लेकर नवीन मापदंडों पर खरे उतरते हुए राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर जाना है। तीन वर्ष के अनुभव को साझा करते हुए सभी को आगे बढ़ने को प्रेरित किया और सभी को धन्यवाद भी दिया।

प्रो मधुरिमा लाल ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय को सौ वर्षों में पहली बार NAAC में A++ ग्रेडिंग दिलाकर कुलपति महोदय ने विश्व पटल पर हमारी वो पहचान स्थापित की है, जिसके आज और आगामी पीढ़ी के सभी शिक्षक और छात्र उनके ऋणी रहेगे। उनके नेतृत्व में कार्य करना हम सभी का सौभाग्य है।

विभिन्न स्टॉल्ज़, मिलेट केक, बोनफायर और खिचड़ी भोज, कार्यक्रम की अन्य विशेषता रहे

स्टूडेंट्स ने पेश किये लोकरंग, बांटे खुश रहने के गुर

बीए सेकेंड और थर्ड इयर के स्टूडेंट्स श्रेया, अरुषि, वंशिका, दीक्षा और तस्कीम ने पारंपरिक बिहू नृत्य की प्रस्तुति से लोकरंग पेश किये। तो न्यू कैंपस के बीएससी फर्स्ट और बीसीए सेकेंड इयर की स्टडेंट्स ने पारंपरिक भांगडा नृत्य कर लोहिडी की खुशियां साझा कीं।

एलयू कल्चरल एंड स्पोर्ट्स कमेटी के नटराज क्लब के मेंबर गौतम, सुरभि, प्रांजल, सौम्या, अकांक्षा व हर्ष ने पारंपरिक लोकनृत्यों के रंग पेश कर खूब प्रभावित किया। ओल्ड कैंपस बीए, बीएससी फर्स्ट इयर के स्टूडेंट्स अनुभूति, पारूल, अरुषि व दीक्षा ने पारंपरिक गिद्दा नृत्य कर पंजाब के लोकरंग दिखाये। ओल्ड कैंपस एमकॉम, बीएससी व बीपीएड सेकेंड इयर की अंबिका, उर्वशी, राशि, अमिषा, जाह्नवी सहित अन्य स्टूडेंट्स ने गुरु वंदना से पूरा वातावरण भक्तिमय किया। साइकोलॉजी डिपार्टमेंट की हैप्पीनेस लेब्रोटरी की प्रो मधुरिमा व हेड अर्चना शुक्ला के नेतृत्व में योग-योगासन सहित काउंसिलिंग कर खुश रहने के तरीकों के बारे में बताया गया। होमसाइंस डिपार्टमेंट की ओर से मिलेट फ्लोर से बने खाद्य उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।

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