शराब कारोबारी विजय माल्या ने सरकार से 100 फीसदी कर्ज चुकाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने और उसके खिलाफ चल रहे मामले को बंद करने को कहा है. विजय माल्या ने एक ट्वीट में कहा कि कोविड 19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई. वे जितना चाहे उतनी करेंसी प्रिंट कर सकते है लेकिन मेरे जैसे एक छोटे से कॉन्ट्रीब्यूटर की पेशकश स्वीकार करनी चाहिए जो सरकारी बैंकों के लोन का 100% वापस करना चाह रहा है. आखिर इसे इग्नोर क्यों किया जा रहा है,? कृपया मेरे पैसे बिना शर्त लें और केस बंद करें.
माल्या को भारत में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. वह मार्च 2016 से ब्रिटेन में है. उसे ब्रिटेन में स्कॉटलैंड यार्ड ने 18 अप्रैल 2017 को हिरासत में लिया था. वह तब से जमानत पर है. ब्रिटेन के गृह विभाग ने भारतीय जांच एजेंसियों की मांग पर उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी दे रखी है.
बीते महीने अप्रैल लंदन के रॉयल कोर्ट आफ जस्टिस में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इर्विन और जस्टिस एलिजाबेथ लाइंग के दो सदस्यीय बेंच ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया थी. मनी लॉन्ड्रिंग केस में विजय माल्या ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी साल फरवरी महीने में 64 वर्षीय माल्या ने यह याचिका दायर की थी. भारत में कई बैंकों से माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा उधार लिए गए 9,000 करोड़ रुपये के वित्तीय अपराधों के लिए विजय माल्या वांटेड है.
इससे पहले भी माल्या ने 31 मार्च को अपने ट्वीट में कहा था, मैंने बैंकों को लगातार उनके पूरे पैसे चुकाने के लिए ऑफर किया है. न तो बैंक पैसे लेने में तैयार रहे हैं और ना ही प्रवर्तन निदेशालय संपत्तियों को छोड़ने के लिए. काश! इस समय वित्त मंत्री मेरी बात को सुनतीं.