Breaking News

स्माइल प्लीज की जगह मास्क

गणतंत्र दिवस के राजपथ समारोह में सम्मलित होने वाले कलाकारों व जवानों को प्रधानमंत्री ने अपने आवास में आमंत्रित किया था। इस अवसर उनके आवास परिसर में समारोह का भी आयोजन किया गया। गणतंत्र दिवस के कारण वहां का पूरा माहौल उत्साह व उंमग का था। नरेंद्र मोदी के संबोधन की शुरुआत इसी के अनुरूप थी। उन्होंने विनोदपूर्ण ढंग से देश के लिए बड़ा सन्देश दिया। उन्होंने कहा कि पहले जब फोटो निकालने जाते थे तो कैमरामेन कहता था-स्माईल प्लीज,अब कोरोना ने जीवन को बदल दिया है। मास्क और गज दूरी दिनचर्या में शामिल हो गया है। अब मास्क अपरिहार्य है। इसलिए फोटोग्राफर भी स्माइल प्लीज नहीं कहता।

एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना

नरेंद्र मोदी ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर एक भारत श्रेष्ठ भारत की शाश्वत भावना देश के हर कोने में प्रकट होती है। भारत की इसी ताकत से देश और दुनिया को परिचित करने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल पर जो व्यंजन विधियों का सेक्शन है,उसपर एक हज़ार से भी अधिक लोगों ने अपने प्रदेश के व्यंजन साझा किए है। समय निकालकर इस पोर्टल को जरूर देखना चाहिए। आज सरकार की भी कोशिश है कि हर प्रांत, हर क्षेत्र की भाषाओं,खान पान और कला का पूरे देश में प्रचार-प्रसार हो। देश में भारत के हर राज्य के रहन सहन,तीज त्यौहार के बारे में जागरूकता और बढ़े। विशेषतौर पर हमारी समृद्ध आदिवासी परंपराओं,आर्ट एंड क्राफ्ट से देश बहुत कुछ सीख सकता है। इन सबको आगे बढ़ाने में एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान बहुत मदद कर रहा है।

 वोकल फॉर लोकल

वोकल फ़ॉर लोकल अभियान नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था। स्थानीय उत्पाद पर गर्व करना व उसे प्रोत्साहित करना चाहिये। यही वोकल फॉर लोकल है। यह भावना,तब और मजबूत होगी जब इसे एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना से शक्ति मिलेगी।  एक क्षेत्र के लोकल प्रॉडक्ट पर दूसरा क्षेत्र भी गर्व करेगा,उसे प्रोत्साहित करेगा,तभी लोकल प्रॉडक्ट की पहुंच देशभर में होगी। उसमें एक ग्लोबल प्रॉडक्ट बनने की ताकत पैदा होगी। युवा वर्ग का इसमें सहयोग आवश्यक है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं में हमारे देश के मजदूर के पसीने की महक होती है। जाने अनजाने में इतनी चीजें विदेश की हमारे जीवन में घुस गई हैं,हमें पता तक नहीं है। एक बार उस पर देखेंगे तो पता चलेगा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने का सबसे पहला कर्तव्य हम लोगों से शुरू होना चाहिए। रोजमर्रा की जिंदगी में विदेशी उत्पाद के प्रयोग ने एक प्रकार से मानसिक गुलाम बना दिया है।

 आत्मनिर्भर भारत अभियान

नरेंद्र मोदी ने पिछली बार सरकार बनते ही Skill Development के लिए विशेष मंत्रालय बनाया गया। इस अभियान के तहत अब तक साढ़े पांच करोड़ से अधिक युवा साथियों को अलग अलग कला और कौशल की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। कौशल विकास के इस कार्यक्रम के तहत सिर्फ ट्रेनिंग ही नहीं दी जा रही,बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार और स्वरोज़गार में मदद भी की जा रही है। लक्ष्य ये है कि भारत के पास स्किल्ड युवा भी हों और Skill Sets के आधार पर उन्हें रोजगार के नए अवसर भी मिलें।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति

आत्मनिर्भर भारत के लिए युवाओं के कौशल पर ये फोकस भी देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने प्रस्तुत किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कोशिश ये है कि युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार विषय चुनने की आज़ादी दी गई है। उनको कब पढ़ाई करनी है, कब पढ़ाई छोड़नी है और कब फिर से करनी है, इसके लिए भी सुविधा दी गई है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार Vocational Education को Education की मुख्य धारा में लाने का गंभीर प्रयास किया गया है। कक्षा छह से ही विद्यार्थियों को स्थानीय ज़रूरतों और स्थानीय व्यवसायों से जुड़ा अपनी रुचि का कोई भी कोर्स चुनने का विकल्प दिया गया है। ये सिर्फ पढ़ाने के कोर्स नहीं होंगे बल्कि सीखने और सिखाने के कोर्स होंगे। इसमें स्थानीय कुशल कारीगरों के साथ प्रैक्टिकल अनुभव भी दिया जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सभी मिडिल स्कूलों के शैक्षणिक विषयों में व्यावसायिक शिक्षा को एकीकृत करने का भी लक्ष्य है।

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

About Aditya Jaiswal

Check Also

‘दोषसिद्धि नैतिक नहीं, साक्ष्य आधारित ही हो सकती है’, अदालत ने अपहरण-हत्या केस में रणदीप सिंह को बरी किया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी मामले में नैतिक दोषसिद्धि नहीं हो सकती। अदालतें केवल ...