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मातृ वंदना सप्ताह का शुभारम्भ 1 सितम्बर से

कानपुर। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को गति प्रदान के लिए प्रदेश में एक से सात सितम्बर तक मातृ वंदना सप्ताह मनाया जाएगा। इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती/धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और पोषण के लिए 5000 रुपये प्रदान किये जाते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि मातृ वंदना सप्ताह को एक उत्सव के रूप में मनाया जायेगा।

कार्यक्रम को “मातृ शक्ति-राष्ट्र शक्ति” थीम के साथ मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह में गर्भवती को कोविड-19 के टीकाकरण के प्रति विशेष तौर पर जागरूक किया जायेगा। सभी चिकित्सा इकाइयों पर माँ- बच्चे और गर्भवती के लिए एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जायेगा।

  • 3 जिला अस्पताल सहित 10 सी.एच.सी. और 50 यू.पी.एच.सी. पर मनेगा सप्ताह
  • अब तक 84209 लाभार्थियों को मिला प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ

डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि जिले में मेडिकल कॉलेज, मान्यवर काशीराम संयुक्त चिकित्सालय और डफरिन के साथ ही शहरी क्षेत्र के 50 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सभी 10 ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. एसके सिंह ने बताया कि जनपद में कार्यक्रम के अन्तर्गत करीब 1.13 लाख को लाभ पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिनमें से 84209 लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। शेष लाभार्थियों को आयोजित होने वाले मातृ वंदना सप्ताह के माध्यम से लाभ दिए जाने की योजना है।

इसके साथ ही लंबित करेक्शन क्यू, द्वितीय एवं तृतीय किश्तों का भी अधिक से अधिक निस्तारण कराया जायेगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पतारा में स्वप्रिल वरुण- जिला पंचायत अध्यक्ष कानपुर नगर के द्वारा प्रातः दस बजे कार्यक्रम का शुभारम्भ किया जायेगा। जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. गज़ाला इरम खान ने बताया कि पहली बार गर्भवती होने पर योजना के अन्तर्गत 5000 रुपये किश्तों में दिए जाते हैं। योजना में पंजीकरण के लिए गर्भवती व उसके पति को कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की आवश्यकता होती है। बैंक अकाउंट ज्वाइंट नही होना चाहिए।

जिला कार्यक्रम सहायक नियाज़ अहमद ने बताया कि गर्भवती होने पर 150 दिन के भीतर पंजीकरण करवाने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं =। इसके बाद प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने और गर्भावस्था के 180 दिन के बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर धात्री महिला को तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। सभी भुगतान गर्भवती के खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जाता है।

शिव प्रताप सिंह सेंगर

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