लखनऊ। बीएसपी प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी की देश के गरीबों को न्यूनतम आमदनी (Minimum Income) की गारंटी देने की घोषणा पर उनकी जमकर आलोचना किया। उन्होंने कहा,कहीं ऐसा ना हो कि यह भी गरीबी हटाओ या अच्छे दिन की तरह का एक और क्रूर मजाक बनकर ना रह जाये।
इस लुभावनी घोषणा से पूरा देश आशंकित
मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस लुभावनी घोषणा से पूरा देश आशंकित है कि सत्ता में आये तो देश में गरीबी व भूखमरी का अन्त करने के लिए न्यूनतम आय की गारण्टी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘गरीबी हटाओ’ का बहुचर्चित नारा और विदेश से कालाधन वापस लाकर देश के हर गरीब को 15 से लाख रूपये देने का बीजेपी का लोक-लुभावन वायदा पूरी तरह से छलावा साबित हुआ है।
कांग्रेस शासित राज्यों में लागू करके
मायावती ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख द्वारा कोई भी घोषणा करने के पहले जनहित, जनकल्याण व गरीबी उन्मूलन की उन योजनाओं को कांग्रेस शासित राज्यों में से खासकर राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में सही से लागू करके दिखाना चाहिए था। वैसे भी विश्वसनीयता के मामले में कांग्रेस व बीजेपी दोनों ही सरकारों का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है कि जनता इन पर आसानी से विश्वास कर ले। खासकर चुनावी वायदे व घोषणा-पत्र पर तो लोगों को बिल्कुल भी भरोसा नहीं रहा है।
बीजेपी को ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी
मायावती ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी द्वारा किसानों की दुर्दशा समाप्त कर उन्हें उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने का वायदा भी केवल हवा-हवाई व छलावा ही साबित हुआ है। इसीलिये केवल सत्ताधारी बीजेपी को ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी देश की आम जनता खासकर करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों व बेरोजगारों से ऐसा कोई भी वायदा नहीं करना चाहिये जो अन्ततः छलावा साबित हो।
2019 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद न्यूनतम आमदनी
ज्ञात होकि राहुल गांधी ने अटल नगर में किसान आभार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि,हिंदुस्तान के हर गरीब व्यक्ति को 2019 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद न्यूनतम आमदनी देगी। हिंदुस्तान के हर गरीब व्यक्ति के बैंक एकाउंट में हिंदुस्तान की सरकार न्यूनतम आमदनी देने जा रही है। इसका मतलब है कि हिंदुस्तान में कोई भूखा नहीं रहेगा और न कोई गरीब रहेगा।