बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी की गोला गोकर्णनाथ सीट पर समाजवादी पार्टी की करारी हार को लेकर ट्वीट के जरिए अखिलेश यादव पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि गोला में बीएसपी मैदान में नहीं थी। अब सपा अपनी इस हार के लिए कौन सा बहाना बनाएगी?
मायावती की कोशिश वोटरों, खासकर मुस्लिम वोटरों को यह समझाने की है कि यूपी में बीएसपी ही वो पार्टी है जो बीजेपी को हरा सकती है इसलिए सपा को वोट देने का कोई फायदा नहीं है।
उधर, समाजवादी पार्टी लगातार बीएसपी को बीजेपी से मिलीभगत करने वाली पार्टी बता रही है। इस साल जून में आजमगढ़ संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की हार के बाद भी अखिलेश यादव ने बीएसपी को खासतौर पर जिम्मेदार ठहराया था।
बता दें कि बसपा ने आजमगढ़ से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को उतारा था। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि बसपा जानबूझकर ऐसे प्रत्याशी खड़े करती है जिससे सपा के वोट बंट जाएं और बीजेपी को फायदा हो।
दरअसल, यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही #बसपा और समाजवादी पार्टी के बीच वोटरों को संदेश देने की होड़ लगी है। इसमें समाजवादी पार्टी जहां बीएसपी पर बीजेपी से मिलीभगत कर जानबूझकर ऐसे उम्मीदवार खड़े करने का आरोप लगा रही है .
जो सपा कैंडिडेट को नुकसान और बीजेपी को फायदा पहुंचाए तो वहीं बीएसपी कह रही है कि मुसलमानों के एकतरफा सपा के पक्ष में मतदान करने की वजह से यूपी चुनाव में हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण हो गया।
इसी वजह से बीजेपी दोबारा बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही और बीएसपी को अब तक की सबसे बुरी हार (2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है) का सामना करना पड़ा।