रायबरेली। मर्ज कोरोना जो जान ले भी सकता है यदि सही समय पर उपचार हो गया तो जान बच भी सकता है लेकिन इस महामारी से बचने के लिए इन दिनो मीडिया व सोशल मीडिया की अहम भूमिका मरीजो के मदद मे हो रहा है।
बताते चले कि उपचार में अस्पताल में तनिक भी चूक हुई तो इस हाईटैक व्यवस्था में विभाग की पोल खुलना तय है।जिले के कोविड-19 अस्पताल एल-2 हो या जिला अस्पताल उपचार में हीला हवाली या और कोई बात होती है तो सोशल मीडियो मे इन दिनो वीडियो जमकर वायरल हो रहे है जिसमें अस्पताल के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियो तक की पोल खोल कर रख दी है कहीं उपचार नही होता तो कहीं आक्सीजन की कमी बताकर मरीजो को वापस आदि करने के वायरल वीडियो विभाग की पोल खोल रहे है।
यहां तक की एडीएम एफआर प्रेमप्रकाश उपाध्याय का भी अस्पताल व्यवस्था व सीएमओ के कार्यषैली से छुब्द होकर एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल कर मीडिया से मदद की गुहार लगाई है। जिसके बाद मीडिया ने संज्ञान लिया तब जाकर उनका उपचार किया गया। इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि जब जिले के एक सक्षम अधिकारी का स्वास्थ्य विभाग नही सुन रहा है तो आम जनता के साथ क्या होता होगा।
हालाकि यह जिला सांसद सोनिया गांधी का है तो वहीं इसी जिले के बीजेपी की ओर से डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का प्रभार वाला जिला है।यहां पर बड़े राजनीतिक लोग जब तक ध्यान नही देंगे तब तक शायद मौत का मंजर का खेल यूं ही जिले में चलता रहेगा।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा