लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि कला की साधना हर कोई नहीं कर सकता, लेकिन जो इस साधना को कर लेता है उसका जीवन सफल हो जाता है। भारतीय संस्कृति, कला और शिल्प विश्व भर में अनूठी और विशिष्ट है। यह हमारी विरासत है, धरोहर है और जीवन शैली है।
सामाजिक समरसता, देश की एकता, अखंडता और विविधता में एकता की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह सबसे महत्वपूर्ण सूत्र है जो हमारी संस्कृतियों, ललित एवं प्रदर्शनकारी कलाओं और शिल्प कलाओं से होकर गुजरता है।
आनंदीबेन पटेल आज यहां राजभवन से संस्कार भारती,आगरा द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के समापन कार्यक्रम को राजभवन से वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश भर में आजादी के अमृत महोत्सव की 75वीं वर्षगांठ का जश्न पूरे उत्साह के साथ मनाया गया है।
अमृत महोत्सव के इस वर्ष ने जन-जन की चेतना को स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष की महान गाथाओं, महापुरूषों की स्मृतियों एवं उनकी मूल प्रेरणाओं से जोड़ा है। हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत पूरे देश में जबर्दस्त उत्साह दिखाई दिया।
उन्होने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अन्य लोगों के अलावा कलाकारों ने अपने संगीत, नाट्य और नृत्य के माध्यम से देशवासियों को संघर्ष करने के लिये प्रेरित किया था।