लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसादजितिन प्रसाद ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता (विकास एवं विभागाध्यक्ष) से विभागीय कार्यों में उनके द्वारा पर्यवेक्षणीय शिथिलता बरते जाने पर आज स्पष्टीकरण की मांग की। लोक निर्माण मंत्री ने प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण को पत्र लिखकर प्रमुख अभियंता (विकास एवं विभागध्यक्ष) के स्पष्टीकरण की मांगा है। उन्होंने बताया कि किसी भी स्तर पर विभागीय कार्यों में शिथिलता क़तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण मंत्री ज़ितिन प्रसाद द्वारा मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकाता के कार्य “बारिश से क्षतिग्रस्त हुए मार्गों को 15 नवम्बर 2022 तक मरम्मत (मार्गों को गड्डा मुक्त किए जाने) के संबंध में 28 अक्टूबर 2022 को लोक निर्माण विभाग मुख्यालय लखनऊ में आयोजित समीक्षा बैठक में निर्देश दिये गये थे कि गढ्ढा मुक्ति एवं नवीनीकरण के सभी कार्यों की वित्तीय स्वीकृतियाँ अनिवार्य रूप से दिनांक 31 अक्टूबर 2022 तक निर्गत किये जाने एवं निरन्तर निर्गत की जा रही वित्तीय स्वीकृतियों एवं तदोपरान्त गढ्ढा मुक्त अभियान के संबंध में दिन-प्रतिदिन की प्रगति के संबंध में प्रत्येक कार्यदिवस की शाम 5:00 तक अवगत कराया जाय।
लोक निर्माण मंत्री ने समीक्षा बैठक में यह भी निर्देश दिया था कि विशेष मरम्मत रू 40.00 लाख (चालीस लाख) के ऊपर के मार्गों हेतु वित्तीय स्वीकृतियां के संबंध में सभी प्रस्ताव प्रत्येक दशा में 31 अक्टूबर 2022 तक उपलब्ध करा दिये जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया था कि प्रतिदिन जोन वार वित्तीय स्वीकृतियों एवं उनके सापेक्ष “बारिश से क्षतिग्रस्त हुए भार्गो की मरम्मत (मार्गो को गढ़डा मुक्त किए जाने के संबंध में प्रगति का विवरण एलईडी स्कीन पर दर्शाया जाए। परन्तु प्रमुख अभियंता (विकास एवं विभागाध्यक्ष) लोक निर्माण विभाग द्वारा 01 नवम्बर 2022 तक उपरोक्तानुसार प्रगति के विवरण से अवगत नहीं कराया गया।