इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को बताया, 8,282 करोड़ रुपये के निवेश में ग्रीनफील्ड कंपनियों (पैरेंट कंपनी की ओर से दूसरे देश में खोली गई अनुषंगी इकाई) की हिस्सेदारी 3,136 करोड़ रुपये रही। ब्राउनफील्ड कंपनियों (पहले से मौजूद सुविधाओं या अन्य संसाधनों पर निर्माण करने या उन्हें पट्टे पर लेने वाली इकाई)ने पीएलआई योजना के तहत 5,146 करोड़ का निवेश योगदान किया है।
मंत्री ने बताया, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए मजबूत बनाने को एक अप्रैल, 2020 को पीएलआई योजना शुरू गई थी। अब तक 32 कंपनियों को 11,324 करोड़ की निवेश प्रतिबद्धता के साथ मंजूरी दी गई है।
सरकार ने पीएलआई योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण से जुड़ी कंपनियों के चयन के बाद उत्पादन या निवेश मानदंडों में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, कोविड-19 महामारी से प्रभावित कंपनियों को राहत देने के लिए पीएलआई योजना की अवधि को एक साल के लिए बढ़ाकर 2025-26 कर दिया गया है। पहले यह अवधि 2024-25 थी। कंपनियां उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 2025-26 तक कोई भी पांच साल की अवधि चुन सकती हैं।
आईटी हार्डवेयर: मिली 27 कंपनियों को मंजूरी
राज्य मंत्री ने बताया कि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना के तहत 27 कंपनियों को स्वीकृति दी गई है। इन्होंने 30 जून, 2024 तक कुल 464.66 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इनमें 6 ग्रीनफील्ड और 21 ब्राउनफील्ड कंपनियां हैं, जिन्होंने क्रमशः 78.57 करोड़ व 386.09 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
मार्च, 2021 में अधिसूचित पीएलआई योजना के तहत 14 आईटी हार्डवेयर कंपनियों को 2,517 करोड़ के निवेश और 1,60,751 करोड़ की उत्पादन प्रतिबद्धता के साथ स्वीकृति दी गई है। मई, 2023 में अधिसूचित पीएलआई 2.0 के तहत 27 कंपनियों को 2,955 करोड़ रुपये के निवेश और 3,51,647 करोड़ रुपये की उत्पादन प्रतिबद्धता के साथ मंजूरी दी गई है। सरकार ने 2024-25 के बजट में विभिन्न क्षेत्र में पीएलआई योजना के लिए 12,493.02 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।