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मिशन शक्ति का सामाजिक संदेश

भारतीय संस्कृति में प्रत्येक उत्सव पर्व सामाजिक दायित्व बोध का संदेश देते है। इनमें सामाजिक समरसता और सुरक्षा का विचार समाहित होता है। भारतीय संस्कृति में विश्वास रखने वाले शासक शासन संचालन में इस विचार को समाहित करते हैं। इसका लाभ जनता को मिलता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वाभिमान का जागरण भी होता है। इस आधर पर बनाई गई नीतियों से पर्यटन और तीर्थाटन का भी विकास होता है। अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना में इसका भी योगदान होता है।

योगी आदित्यनाथ ने सुशासन और संस्कृति के सुन्दर समन्वय किया है। इसमें सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास समाहित है। यह उनके शासन का स्थाई तत्व है। नवरात्र में इसका सहज प्रमाण मिलता है। योगी बड़ी कुशलता से सुशासन और संस्कृति का समन्वय करते हैं। वह गौरक्ष पीठाधीश्वर हैं। इस रूप में वह कलश स्थापना अनुष्ठान हेतु गोरखपुर पहुँचे थे। वह मुख्यमंत्री हैं। इस रूप में इसी दिन उन्होंने विकास कार्यों को भी आगे बढ़ाया।

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नवरात्र के प्रथम दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बलरामपुर पहुंचे थे। नवमीं पर वह गोरखपुर में थे। दोनों जनपदों से उन्होने आस्था के साथ सुशासन का भी संदेश दिया। उन्होंने नवरात्र के प्रथम दिन मिशन शक्ति के अंतर्गत आयोजित महिला सशक्तिकरण रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। करीब तीन वर्ष पूर्व मिशन शक्ति के अंतर्गत एक अभियान प्रारंभ किया गया था। उस अवसर पर भी योगी आदित्यनाथ बलरामपुर आए थे। मिशन शक्ति का कार्यक्रम देश में मिसाल बन गया है।

इस कार्यक्रम को अनेक राज्यों में मान्यता मिली। नवरात्र के प्रथम दिन यूपी पुलिस ने दो कार्यक्रम प्रारंभ किये थे। पहली यात्रा मां पाटेश्वरी के इस पावन धाम बलरामपुर से प्रारंभ होकर बुंदेलखंड के ललितपुर तक रही। दूसरी यात्रा मां विंध्यवासिनी धाम से शुरू होकर गौतमबुद्ध नगर तक रही। रामनवमी पर पहली यात्रा ललितपुर और दूसरी यात्रा गौतमबुद्ध नगर पहुंची। इसके पीछे उद्देश्य महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन है। इस थीम पर यह यात्रा प्रारंभ हुई थी।

मिशन शक्ति

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यह यात्रा जिन भी निकली वहां नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम किए गए। उन्होने कन्याओं का परम्परागत पूजन किया। योगी का मिशन शक्ति अभियान कन्या पूजन के संदेश से ही प्रेरित है। गोरखपुर की गोला तहसील के भरौली गांव में बाबू आरएन सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया तथा उनकी स्मृति में स्थापित डायलिसिस सेण्टर का लोकार्पण किया। उन्होने कहा कि अच्छे चिकित्सकों एवं अत्याधुनिक सुविधा से युक्त नौ बेड के इस डायलिसिस सेण्टर में एक दिन में लगभग तीस लोगों की डायलिसिस की जा सकती है। इस डायलिसिस सेण्टर को टेली कन्सलटेशन तथा नेफ्रोलॉजिस्ट की सुविधा के साथ जोड़कर और बेहतर ढंग से आगे बढ़ाया जा सकता है।

डायलिसिस सेण्टर के प्रारम्भ होने से गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र के लोगां को डायलिसिस के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता ही नहीं होगी। प्रतिदिन के खान पान में फर्टिलाइजर, केमिकल,पेस्टिसाइड के प्रयोग के कारण ऐसी परिस्थितियां आ रही हैं, और लोग इन बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। आज डायलिसिस सेण्टर की बहुत आवश्यकता है। यहां अच्छे आईटीआई, स्किल डेवलपमेंट सेण्टर, पॉलिटेक्निक, चिकित्सालय तथा ब्लड बैंक बन जाएं, तो इसका लाभ लोगों को मिलेगा और विकास को गति मिलेगी। यहां पर सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग सेण्टर की स्थापना की गई है।

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राज्य सरकार यहां से कुछ ही दूरी पर राम जानकी मार्ग बनाने के साथ-साथ धुरियापार में बायोफ्यूल का एक प्लांट देने जा रही है। जितना भी किसान के खेत में पुआल, खर-पतवार होगा, उसका भी पैसा किसानों को अलग से मिलेगा। गाय और भैंस के गोबर का भी दाम मिलेगा। गोरखपुर के दक्षिणाचंल का क्षेत्र दो हाईवे के साथ जुडे़गा। पहला हाईवे गोरखपुर-बड़हलगंज-कौड़ीराम होते हुए वाराणसी को फोर लेन के साथ जोड़ेगा, जबकि दूसरा फोरलेन हाईवे खजनी-सिकरीगंज-बेलघाट-आजमगढ़ होते हुए लखनऊ से जुड़ेगा। प्रदेश सरकार बंजर जमीन को खरीदेगी और यहां पर उद्योग लगाएगी। अब यहां के लोग गिरमिटिया मजदूर नहीं, बल्कि उद्योगपति बनेंगे। जो धन पहले सिंगापुर, बैंकॉक, मुम्बई में लगता था, अब वही धन दक्षिणांचल में लगेगा।बेटियां को यहीं पर शिक्षा के अच्छे सेण्टर मिलेंगे। आने वाले समय में नर्सिंग, फार्मेसी, टेक्निकल, प्रोफेशनल व हायर एजुकेशन में अच्छे-अच्छे कोर्सेज शुरू होंगे। मेडिकल की पढ़ाई के लिए बच्चों को यहीं पर तैयारी करवाने के उद्देश्य से सेण्टर स्थापित किये जायेंगे।

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नवरात्र पर ही मुख्यमंत्री ने कुशीनगर में विधान सभा क्षेत्र खड्डा के विकास की साढ़े चार सौ करोड़ रुपये से अधिक की एक सौ छह परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। कहा कि कुशीनगर का अपना आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है। यह जनपद हर काल खण्ड में किसी न किसी महत्वपूर्ण घटना का साक्षी रहा है। भगवान श्रीराम से जुड़ी हुई स्मृतियां आज भी यहां बांसी में लोग संजोए हुए हैं। भगवान श्रीराम मां जानकी को लेकर इसी मार्ग से होते हुए अयोध्या गये थे। भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली इसी जनपद में है।

तीर्थंकर महावीर से जुड़ी स्मृतियां पावा में हैं। तहसील खड्डा के नवनिर्मित भवन का पूजन कर उद्घाटन भी किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना,पीएम स्वनिधि योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, कृषि विभाग, मनरेगा के लाभार्थी को लैपटॉप, आवास की प्रतीकात्मक चाभी, प्रमाण पत्र तथा डेमो चेक प्रदान किये. कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी हो रहा है.पूर्वी उत्तर प्रदेश को इन्सेफेलाइटिस प्रकोप से मुक्त करने मे सफ़लता मिली है।

मिशन शक्ति

कुशीनगर में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बन गया है।मुसहर जाति के लोगों के पास आवास बनाने के लिए जमीन के पट्टे नहीं थे। आज स्वामित्व योजना के अन्तर्गत जहां पर व्यक्ति का घर है, वहीं उसे जमीन का मालिकाना अधिकार उपलब्ध कराया गया है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक प्रदेश में लगभग साठ लाख परिवारों को घरौनी उपलब्ध करायी जा चुकी है। इन साठ लाख लोगों का जहां पर पुश्तैनी मकान बना हुआ था, आजादी के बाद से अब तक, उस मकान पर उनका अधिकार नहीं था।

आज साठ लाख परिवारों को स्वामित्व का लाभ दे दिया गया है। सरकार ने यहां के लिए कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्वीकृत कर दिया है। सरकार शीघ्र ही एक फैमिली कार्ड जारी करने जा रही है, जिसके माध्यम से सभी परिवारों की मैपिंग की जाएगी तथा उन्हें जो सुविधा नहीं मिल रही है, पहले चरण में वह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक महाअभियान प्रदेश में चलाया जाएगा। सभी परिवारों के एक व्यक्ति को नौकरी या रोजगार से जोड़ने का कार्य एक बड़ा अभियान है।

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योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में गोरखपुर विकास प्राधिकरण की अड़तीस सौ करोड़ रुपए से अधिक एक सौ बहत्तर परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी गोरखपुर के लिए हजारों करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। यहां नए होटल, बड़े अस्पताल, नए उद्योग, नई टाउनशिप आदि परियोजनाएं आ रही हैं। गोरखपुर में रेलवे स्टेशन भी एयरपोर्ट जैसा विकसित होने जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर वेटिंग एरिया व कैण्टीन भी एयरपोर्ट जैसे बेहतरीन होंगे।

योगी आदित्यनाथ ने जनपद गोरखपुर में योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र में रेशम कृषि मेलाका शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने ग्यारह करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अठारह चाकी कीटपालन भवनों, छत्तीस सामुदायिक भवनों और नौ धागाकरण मशीन शेड का लोकार्पण व शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को रेशम कीटपालन गृह के लिए अनुदान राशि का वितरण भी किया।

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खेती अतिरिक्त आमदनी का भी एक माध्यम बने, इसके लिये किसान खेत की मेड़ का बेहतर उपयोग कर सकते हैं। किसान अपने खेत की मेड़ पर शहतूत के पौधे लगाने का कार्य करते हुए उसकी देखभाल करे, तो रेशम उत्पादन में उनकी बड़ी भूमिका हो सकती है। रेशम कीटपालन से वे अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। प्रति एकड़ अस्सी हजार से लेकर सवा लाख रुपये प्रतिवर्ष अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। प्रदेश की आवश्यकता तीन हजार टन रेशम की है, लेकिन उत्पादन होता है साढ़े तीन सौ टन।

रेशम उत्पादन करने वालों के लिए प्रदेश एक बहुत बड़ा बाजार है। इस बाजार के लिए रेशम उत्पादन करना प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ जुड़ना है। वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट योजना’ प्रारम्भ की है। इस योजना को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाकर किसानां की आमदनी को कई गुना बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। इसके माध्यम से प्रदेश को समृद्धशाली बनाकर अर्थव्यवस्था की दृष्टि से देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में सरकार अग्रसर है. वाराणसी रेशम के लिए विश्वविख्यात है।

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प्रदेश में इस प्रकार के कई कलस्टर पहले से ही उपलब्ध हैं। यह सब मार्केट रेशम उत्पादन से जुड़े किसानों के लिए हैं। अन्य जगह पर भी आपके लिये मार्केट पहले से तैयार है। भदोही में कारपेट का कार्य हो रहा है,उसमें भी रेशम का उपयोग होता है। रेशम का उत्पादन बढ़ाकर हम दुनिया, खासतौर पर चीन से आने वाले रेशम को रोक सकते हैं। प्रधानमंत्री द्वारा प्रदेश के लिए पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क स्वीकृत किया गया है।

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करीब बारह सौ एकड़ भूमि में स्थापित होने वाले मेगा टेक्सटाइल पार्क का लाभ सभी को मिलेगा। अभी तक कृषि फार्मों पर ही रेशम उत्पादन अधिक होता रहा है, अब इसे आम किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। किसान अपनी खेती के साथ रेशम कीटपालन भी कर सकते हैं। यह काफी मुनाफे वाली फसल है। रेशम के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी में सिल्क एक्सचेंज भी खोला गया है।

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योगी आदित्यनाथ की विन्ध्याचल अयोध्या और काशी की उनकी यात्रा सांस्कृतिक ही नहीं सुशासन की दृष्टि से महत्वपूर्ण रही। सभी जगह उन्होंने विकास कार्यों की समीक्षा की। वस्तुतः सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सुशासन भाजपा का संबल है। उसका मानना है कि राष्ट्रीय स्वाभिमान किसी देश को शक्तिशाली बनाने में सहायक होता है। देश में इसी विचार के जागरण हो रहा है।

अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण व भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ने संस्कृति और सुशासन को नया आयाम दिया है। आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी गई। इसलिए देश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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