भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2022 में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, जितनी उनसे उम्मीद की जा रही थी। यही कारण था कि टीम सेमीफाइनल में बुरी तरह हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई।
हालांकि, ग्रुप स्टेज में टीम ने 5 में से 4 मुकाबले जीते थे, लेकिन उन मैचों में भी टीम का प्रदर्शन उस दर्जे का नहीं था, जो कि एक वर्ल्ड क्लास टीम से उम्मीद की जाती है। यही कारण है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई अब महेंद्र सिंह धोनी को टीम के साथ जोड़ने पर विचार कर रही है।
ICC टूर्नामेंटों में क्रिकेट के फीयरलेस ब्रांड के लिए एक्सप्ट स्किल लाने के लिए T20 टीम के साथ किसी क्षमता में महेंद्र सिंह धोनी को शामिल करने के बारे में #BCCI में बात हुई है। धोनी ने पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात में टी20 विश्व कप के दौरान टीम के साथ काम किया था, लेकिन वह अंतरिम क्षमता में टीम के साथ। उनको मेगा इवेंट के लिए मेंटॉर बनाया गया था।
धोनी के अगले साल के आईपीएल के बाद खेल से संन्यास लेने की उम्मीद है और #बीसीसीआई उनके अनुभव और तकनीकी कौशल का सही तरीके से उपयोग करने के लिए उत्सुक है। पूर्व कप्तान को खिलाड़ियों के एक विशेष समूह के साथ काम करने के लिए कहा जा सकता है, क्योंकि तीन प्रारूपों का प्रबंधन मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के लिए बहुत कठिन साबित हो रहा है।
एमएस धोनी ने भारत को तीन आईसीसी खिताब दिलाए हैं। वे जानते हैं कि टीम के दृष्टिकोण को कैसे बदलना है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन को भी लगता है कि बीसीसीआई को ‘घमंड निगल’ लेना चाहिए और ‘प्रेरणा के लिए इंग्लैंड की ओर’ देखना चाहिए। एपेक्स काउंसिल में पूर्व चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर भी शामिल हैं, जिन्होंने एमएस धोनी जैसे टैलेंटेड खिलाड़ी को तलाशा था।
क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में एक हेड कोच के रूप में राहुल द्रविड़ के लिए काम करना कठिन है। हालांकि, टीम का सपोर्ट स्टाफ बड़ा है, लेकिन फिर भी तीनों फॉर्मेट में टीम के साथ ट्रेवल करना आसान नहीं है। यही कारण है कि बीसीसीआई स्प्लिट कोचिंग पर विचार कर रही है, जिसको लेकर एपेक्स काउंसिल में बात होगी। क्रिकेट सलाहकार समिति के गठन को भी प्राथमिकता मिलेगी, क्योंकि चयन पैनल फिर से चुनना है।