लखनऊ। मुन्ना बजरंगी की हत्या में प्रयोग की गई पिस्टल फॉरेंसिक जांच के लिए आगरा भेज दी गई। जिसके बाद अब सबसे बड़ा सवाल है कि लेकिन क्या यह पिस्टल हत्या का राज खोल पाएगी। क्या पिस्टल बता पाएगी की ये किसकी है और किसने बजरंगी पर गोली चलाई थी।
वहीं हर तरफ शोर है कि सुनील राठी ने गोली मारकर मुन्ना बजरंगी की हत्या की थी। ऐसा इसलिए है कि राठी ने अपने ब्यान में कहा है कि उसने ही मुन्ना बजरंगी को मारा, लेकिन उसका यह भी कहना है कि हत्या में प्रयोग की गई पिस्टल मुन्ना बजरंगी की है।
फोरेंसिक जांच के लिए
फोरेंसिक जांच के लिए भेजी गई पिस्टल के साथ दो दर्जन कारतूत जिंदा मिले थे और घटना स्थल पर 10 खोके भी बरामद हुए थे। वहीं कैदियों का कहना है कि उन्होंने नहीं देखा कि किसने गोली चलाई। 800 कैदियों की क्षमता वाली बागपत जेल में किसी ने यह नहीं देखा कि गोली किसने चलाई। वहीं बताया जा रहा है कि पुलिस अब पिस्टल से राज खुलवाने की तैयारी में है। जानकारों की मानें तो गटर में फैंके जाने के बाद पिस्टल की फॉरेंसिक जांच में कुछ मिल पाना आसान नहीं है। जानकारी के मुताबिक 24 घंटे तक पिस्टल गटर में रही थी। जिसके बाद यह भी कहा जा रहा है कि उससे कुछ अधिक पता नहीं लग सकेगा। हालांकि इस मामले की जांच को पूरी तरह से गोपनीय रखा जा रहा है। वहीं इस पर अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
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