उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के पूरे परिवार पर शिकंजा कसने के कारण झांसी में मारे गए बेटे असद का शव लेने के लिए नाना और मौसा जाएंगे। प्रयागराज में असद का जनाजा निकलेगा लेकिन अतीक शामिल नहीं हो सकेगा।
कल अदालत में अवकाश के कारण बेटे को अंतिम बार देखने की उसकी इच्छा भी पूरी नहीं हो सकेगी। अतीक की पत्नी शाइस्ता इस समय फरार घोषित है। उसके भी जनाजे में शामिल होने पर संदेह है। पुलिस और खुफिया विभाग की नजरे शाइस्ता पर ही रहेंगी।
छुट्टी के कारण उनकी तरफ से भी जनाजे के लिए प्रार्थना पत्र नहीं दिया जा सकता है। परिवार के किसी भी खास के जनाजे में रहने की उम्मीद कम ही है। मां फरार है। चाची और बुआ के खिलाफ भी एफआईआर हो गई है। ऐसे में परिवार की यह महिलाएं भी शायद ही आ सकें।
फरार शाइस्ता पर इनाम भी घोषित है और तलाश में पुलिस के साथ ही एसटीएफ की टीमें लगी हैं। अब जब शाइस्ता के तीसरे नंबर के बेटे असद को एनकाउंटर में मार गिराया गया तो सबसे बड़ा सवाल मां अपने लाडले को आखिरी विदाई देने कैसे आएगी।
अतीक, अशरफ और अतीक का बेटा अली नैनी सेंट्रल जेल में हैं। अतीक का बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में है। शाइस्ता परवीन को फरार घोषित कर दिया गया है। अतीक की बहन आयशा नूरी, उसकी बेटी भी आरोपित है। अशरफ की पत्नी को भी आरोपित बना दिया गया।
अतीक के वकील ने बताया कि फिलहाल तो नाना और मौसा के अलावा कुछ रिश्तेदार ही असद के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। कल अगर छुट्टी के कारण अदालत बंद नहीं होती तो अतीक की तरफ से जनाजे में शामिल होने की अपील करते हुए प्रार्थना पत्र दिया जाता। छुट्टी के कारण यह संभव नहीं हो सकेगा। अतीक का एक बेटा नैनी और दूसरा लखनऊ की जेल में बंद है।