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रक्षा नीति में राष्ट्रीय स्वाभिमान

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

भारत के सैनिकों को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह बात युद्ध व आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में शांति सेनाओं के ऑपरेशन से जाहिर है। संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर बनने वाली ऐसी सेनाओं में भारतीय सैनिकों के योगदान अतुलनीय रहते है। इसकी दो आधार पर प्रशन्सा होती है। एक यह कि इनमें मानवीय संवेदना अन्य देशों के सैनिकों के मुकाबले बहुत अधिक होती है। आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में इसका भी महत्व होता है। दूसरा यह कि भारतीय सैनिक प्रत्येक भौगोलिक परिस्थिति व जलवायु में बेहतरीन तरीके से कार्य करने में सक्षम है। पर्याप्त सामरिक संसाधन होने पर वह अपनी सम्पूर्ण क्षमता का प्रदर्शन करते है।

वर्तमान केंद्र सरकार ने हथियारों के साथ साथ सैनिकों के लिए आवश्यक सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया। अभियान के रूप में यह कार्य संचालित किया गया। विदेशों से आवश्यक रक्षा डील को अंजाम तक पहुंचाया गया। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान भी प्रगति पर है। यही कारण है कि हमारी सेना का मनोबल बढ़ा है। सीमा पर चीन को भी पहली बार जबाब मिल रहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कहा कि हम अपने सशस्त्र बलों के हाथ कभी नहीं बांधेंगे। सेना को हर फैसले लेने की छूट दी गई है। वे जो निर्णय लेते हैं। हम उनके फैसले के साथ खड़े होंगे, चाहे कुछ भी हो। मैं यह रक्षा मंत्री के रूप में कहता हूं। अगर अनजाने में कोई फैसला गलत भी होता जाता है तो हम अपने जवानों के साथ खड़े होंगे। राजनाथ सिंह ने लखनऊ में आयोजित अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के रजत जयंती समारोह को संबोधित किया।

उन्होंने विपक्ष को भी निशाने पर लिया। कहा कि कुछ राजनीतिक दल सेना के शौर्य व पराक्रंम पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। इसका हमें दुख है। उन्होंने कहा कि परिणाम की चिंता किए बिना हमने सेना को पूरी छूट दी है। हमने कभी भी सेना का हाथ बांधने की कोशिश नहीं की है।

वर्तमान सरकार ने अपनी नीति बदली है। हमारी सेना के जवान पड़ोसी देशों की हरकतों का माकूल जबाब दे रहे है। पाकिस्तान को बता दिया गया है कि उसे छोड़ना पड़ेगा। उसके विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक से यह सन्देश दिया गया। पाकिस्तान को सदैव हार का सामना करना पड़ा है। इन लड़ाई को हारने वाले पाकिस्तान का अब आतंकवाद से अपने संबंध तोड़ने ही पड़ेंगे। यह बात साफ हो गई है।

पहले माना जाता था कि आतंकवाद से लड़ने की ताकत केवल अमेरिका व इजराइल के पास है। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। आज दुनिया मानने लगी है कि भारत के पास भी आतंकवाद से लड़ने की ताकत है। हमने सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। किसी ने इसकी उम्मीद नहीं की थी। हमने उनकी धरती पर जाकर आतंकवादियों का सफाया किया। इसने लोगों की सोच बदल दी है।

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