अधिक मास अब समाप्ति की तरफ से है। 16 अक्टूबर को यह खत्म होने जा रहा है। ऐसे में शारदीय नवरात्र आगामी 17 अक्टूबर से शुरू हो जाएंगे। इस बार नवमीं व दसमी तिथि साथ होने से 25 अक्टूबर को दशहरा भी उसी दिन मनाया जाएगा। मगर इस बीच नवरात्र घरों में ही सादगी पूर्ण ढंग से मनाई जा सकेगी। डांडिया की ना तो खनक सुनाई देगी और ना ही संगीत लहरियां। कोरोना संक्रमण का असर इस बार हर तीज त्योहार के साथ नवरात्र भी पड़ता नजर आ रहा है।
इस माह में नवरात्र, दशहरा और शरद पूर्णिमा जैसे पर्व मनाए जाएंगे। गुरुवार को अधिक मास की पूर्णिमा रहेगी। अधिक मास 3 साल में एक बार आता है। इस वजह से इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है। कोरोना महामारी में पिछले 6 महीने से धार्मिक कार्यक्रमों पर असर पड़ा है। इसमें नवरात्र, गणेश उत्सव, जन्माष्टमी सहित कई पर्व मंदिरों की बजाय घरों में ही मनाए गए।
13 अक्टूबर को अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। 16 अक्टूबर को अधिक मास की अमावस्या है। इस दिन अधिक मास खत्म होगा। 17 तारीख को आश्विन मास के शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे है। इस दिन घट स्थापना होगी। 20 अक्टूबर को अंगारक विनायकी चतुर्थी है। 24 तारीख को दुर्गा अष्टमी है। इसे महाष्टमी भी कहते हैं। इस दिन देवी दुर्गा की विशेष पूजा व व्रत किया जाता है। 25 अक्टूबर को दुर्गा नवमी है। दशहरा भी इसी दिन है। 30 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रास रचाया था। यह श्रीकृष्ण की भक्ति का दिन है। इस दिन महालक्ष्मी का पूजन भी किया जाएगा। 31 अक्टूबर से कार्तिक मास शुरू हो जाएगा।