मुंबई। लेखिका मेधा पुष्करणा ने अपने बहुचर्चित उपन्यास ‘द ग्रेट ट्रायल- वॉर ऑन अर्थ एंड कोरोना समंड टू कोर्ट’ से सभी का ध्यान खींच लिया है। उनकी यह किताबें पशुओं और मानव जाति के बीच अंतर को दर्शाती हैं। मेधा की किताब ने जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है। यह किताब वेब स्पेस पर भी धूम मचा रही है क्योंकि मेधा के यूट्यूब चैनल पर इसके ट्रेलर को दस लाख से अधिक बार देखा जा चुका है।इसकी दिलचस्प कथा ने बेशक पाठकों को आश्चर्यचकित कर दिया है। इसके ट्रेलर ने दर्शकों को अपनी मनोरंजक और आकर्षक कहानी से उत्साहित कर दिया है।
पाठकों की रुचि को बरकरार रखते हुए, यह उपन्यास प्रकृति और इस कायनात पर मानव जाति के असर को लेकर एक बहस छेड़ता है। यह नॉवेल पर्यावरण के प्रति जागरूकता और इस संदर्भ में तुरंत एक्शन लेने का सन्देश देता है। इसकी हिंदी पुस्तक के ट्रेलर के भी काफी फॉलोअर्स नज़र आए हैं जो पुस्तक की बेपनाह लोकप्रियता और क्षेत्रीय भाषाओं में इसके अनुवाद की क्षमता को दर्शाता है, जिससे विभिन्न प्रकार के पाठकों तक यह पहुंच गई है।
…जब गुरू गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों को क्रूर आतताईयों ने उतारा मौत के घाट
दिलचस्प बात यह है कि इसकी कहानी को ऐसे लिखा गया है जो संभावित अगली कड़ी के लिए मंच तैयार करती है, क्योंकि कई अनसुलझे सवाल और बहसें पाठकों में सीरीज की आगे की कहानी को लेकर उत्सुकता जगाते हैं। मेधा पुष्करणा की ‘द ग्रेट ट्रायल’ ‘वॉर ऑन अर्थ’ और ‘कोरोना समंड टू कोर्ट’ सीरीज, एक दिलचस्प कोर्ट रूम ड्रामा है जो न सिर्फ मनोरंजन करती है बल्कि मानवता, पशुओं और पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को भी संबोधित करती है।@अनिल बेदाग