लखनऊ। समाजशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, अलका महाविद्यालय जगतसिंगपुर, ओड़िशा Govt VYT PG ऑटोनोमस कॉलेज, दुर्ग और खुन खुनजी गर्ल्स डिग्री कॉलेज लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में जेंडर एवं सोसाइटी विषय पर आयोजित सात दिवसीय वर्कशॉप के प्रथम दिन स्वागत उद्बोधन में लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर साहू ने महिलाओं के साथ होने वाली असमानताओं के बारे में बताया।
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उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के मूल्य को समझने व स्वीकारने की जरूरत है और यह कहा कि पारिवारिक स्थिति और भूमिकाओं के अलावा उनकी राजनैतिक और कानूनी साक्षरता पर बल देना अत्यधिक आवश्यक है।
महिलाओं की जो सहभागिता निर्णयो में होना चाहिए वो अभी नहीं- प्रो रश्मि जैन
मुख्य वक्ता के रूप मे में प्रोफेसर रश्मि जैन, राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा ने (Women and society : Demographic profile) विभिन्न प्रदेशो एवं देश की जनसंख्या, लैंगिक अनुपात, शिशु अनुपात, शिक्षा का स्तर, स्वास्थ्य और चिकित्सा एवं एंजेनियरिंग के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की जो सहभागिता हमारे देश के निर्णयो में होना चाहिए वो अभी नहीं है। उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष इस जीवन रूपी गाड़ी के दो पहिये है, और इसे सही से चलाने के लिए दोनों को समान समझना बहुत जरूरी है।
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कार्यक्रम का अध्यक्षीय डीन अकेडमिक प्रो राकेश चंद्रा द्वारा जेंडर और सेक्स विषय से जुड़ी भ्रांतियों, जेंडर की तीन धाराओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने सेक्स और जेंडर को पुनर्परिभाषित करने पर भी बल दिया। अंत में डॉ. सुचित्रा के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया एवं संचालन डा ज्योत्सना पांडेय एवं डॉ प्रदीप रंजन पटनायकद्वारा तथा कार्यशाला डॉ अंशु केडिया के निर्देशन में आयोजित किया गया।