भुवनेश्वर: फरवरी में केआईआईटी में आत्महत्या करने वाली नेपाली छात्रा के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। ओडिशा के मंत्री ने दावा किया कि छात्रा ने पिछले साल मार्च में विश्वविद्यालय के अधिकारियों के सामने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने शुक्रवार को ओडिशा विधानसभा को बताया कि इंजीनियरिंग की छात्रा ने अपनी मौत से करीब 11 महीने पहले 12 मार्च, 2024 को केआईआईटी अधिकारियों के सामने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस विधायक दशरथी गोमंगा के लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने यह बड़ा खुलासा किया।
उच्च स्तरीय समिति के सामने अब तक 19 लोग पेश हुए
उन्होंने विधानसभा को बताया कि लड़कियों की मौत और उसके बाद विरोध करने वालों के उत्पीड़न की जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति के सामने अब तक 19 लोग पेश हुए हैं। उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केआईआईटी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक आंतरिक समिति के गठन के संबंध में सरकार को दस्तावेज सौंपे हैं।
‘केआईआईटी को कोई अनुदान नहीं दिया’
मंत्री सूरज ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान केआईआईटी को कोई अनुदान नहीं दिया। इस बीच भाजपा विधायक ओम प्रकाश मिश्रा ने केआईआईटी में कार्यरत सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और अन्य सरकारी अधिकारियों की जानकारी मांगी, जिसमें उनकी ज्वाइनिंग तिथि और वेतन शामिल है। इस पर मंत्री ने कहा कि डेटा एकत्र किया जा रहा है।
क्या है मामला?
20 वर्षीय छात्रा का शव 16 फरवरी को उसके छात्रावास के कमरे में मिला था। पुलिस के मुताबिक, यौन उत्पीड़न की शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने की वजह से उसने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। छात्रा की मौत पर पिछले महीने भुवनेश्वर में केआईआईटी परिसर में विरोध प्रदर्शन हुआ था।