पुणे : पुणे की बस में लगी आग में चार लोगों की मौत मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। मामले में बस का संचालन करने वाली पुणे की कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि वह पुलिस के साथ सहयोग कर रही है और सभी घायल पीड़ितों को चिकित्सा सहायता प्रदान कर रही है। पुलिस के मुताबिक, ड्राइवर जनार्दन हंबरडेकर बदला लेना चाहता था, क्योंकि उसका कंपनी व्योमा ग्राफिक्स के कुछ कर्मचारियों के साथ विवाद था और वह वेतन कटौती से भी परेशान था।
पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस विशाल गायकवाड़ ने पहले बताया था कि जांच से पता चला है कि यह कोई आग की सामान्य दुर्घटना नहीं थी, बल्कि सोची समझी साजिश थी। डीसीपी ने कहा कि जिन कर्मचारियों के खिलाफ ड्राइवर की दुश्मनी थी, वे मृतक चार लोगों में शामिल नहीं थे। इस बीच कंपनी के अधिकारी नितेश शाह ने शुक्रवार को पुलिस के साथ सहयोग करने और पीड़ितों की देखभाल करने का आश्वासन दिया।
नितेश शाह ने कहा, ‘हम सदमे में हैं। जांच चल रही है और हम पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं। हम सभी घायलों को चिकित्सा सहायता भी मुहैया कर रहे हैं। वे सभी हमारे परिवार के सदस्य जैसे हैं और हम उनकी देखभाल कर रहे हैं।’