भगवान की पूजा अर्चना करने के लिए घरों में मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियां रखने की परंपरा पुराने समय के साथ चली आ रही है. लेकिन इसमें हमेशा हमें एक बात खास करके ध्यान रखने की जरूरत है कि घर में टूटी यानी कि खंडित प्रतिमाएं भूलकर भी न रखें. ऐसा करने से घर में नकारात्मकता बढ़ती है.
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक पूजा करते वक्त भगवान की मूर्तियों की ओर ध्यान लगाने से हमारा तनाव दूर होता है, लेकिन मूर्ति यदि खंडित हो तो हम भगवान की ओर मन से ध्यान नहीं लगा पाते हैं. इसके साथ ही खंडित मूर्ति की पूजा करने पर पूजा का पूरा पुण्य हमें नहीं मिल पाता है. मन में शांति नहीं मिलती है.
वास्तु के मुताबिक भी टूटी मूर्तियों से घर में नकारात्मकतास बढ़ती है. पूजा के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों से घर में नकारात्मकता बढ़ती है. पूजा करते समय देवी-देवताओं की मूर्तियों की ओर ध्यान लगाने से तनाव दूर होता है, लेकिन मूर्ति अगर खंडित होगी तो ध्यान नहीं लग पाता है. एकाग्रता नहीं बनती है. मन अशांत रहता है. जैसे ही हमारी नजर मूर्ति के टूटे हिस्से पर जाती है. हमारा मन भटक जाता है और हम पूजा में मन नहीं लगा पाते. जिससे की हमारी पूजा अधूरी रह जाती है.
लेकिन ऐसा शिवलिंग के साथ नहीं है. शिवपुराण के मुताबिक शिवलिंग को निराकार माना गया है. शिवलिंग खंडित होने पर भी पूजनीय है और ऐसे शिवलिंग की पूजा की जा सकती है. शिवलिंग के अलावा अन्य सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां खंडित अवस्था में पूजनीय नहीं मानी गई हैं.