- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, May 25, 2022
वर्तमान सरकार का आत्मनिर्भर भारत अभियान राष्ट्रीय स्वाभिमान व समृद्धि के अनुरूप है। यह अभियान निरंतर प्रगति पर है। चंद घण्टों के दौरान ही आत्मनिर्भर भारत अभियान में तीन नए अध्याय जुड़ गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में आठ संस्थानों द्वारा बहुसंस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित फाइव जी टेस्ट बेड का भी शुभारंभ किया। इससे भी आत्मनिर्भर भारत अभियान आगे बढा है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मझगांव डॉक्स लिमिटेड मुंबई में आईएनएस सूरत को लॉन्च और आईएनएस उदयगिरि का समारोह पूर्वक जलावतरण किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का विकास नौसेना की आत्मनिर्भरता की राह में एक मील का पत्थर है। इसके अलावा इसी दौरान डीआरडीओ के सहयोग से भारतीय नौसेना ने सीकिंग बयालीस बी हेलीकॉप्टर से एंटी शिप मिसाइल की पहली फायरिंग करके भारत की एक बार फिर ताकत दिखाई। यह अभी आत्मनिर्भर भारत का ही मंसूबा है। भारत ने यह साबित किया कि निकट भविष्य में वह अपनी जरूरतों को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम हो जाएगा। इसके साथ ही अन्य देशों को तकनीक व रक्षा उत्पाद का निर्यात बहुत बढा सकेगा। भारतीय
नौसेना ने इकतालीस जहाजों और पनडुब्बियों में से उनतालीस ऑर्डर भारतीय शिपयार्ड को दिए हैं। यह नौसेना की आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
नौसेना ने सात वर्ष पहले छिहत्तर प्रतिशत एओएन और छाछठ प्रतिशत लागत आधार अनुबंध भारतीय विक्रेताओं को दिए हैं। लगभग नब्बे प्रतिशत नौसेना गोला बारूद का स्वदेशीकरण किया गया है। इसके अलावा पिछले पांच वित्तीय वर्षों में नौसेना के आधुनिकीकरण बजट का दो तिहाई से अधिक हिस्सा स्वदेशी खरीद पर खर्च किया गया है।स्वदेश में विकसित फाइव जी टेस्ट बेड के शुभारंभ को आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय नौसेना के दो फ्रंटलाइन युद्धपोतों फिफ्टीन बी डिस्ट्रॉयर सूरत और सेवेंटिन ए फ्रिगेट उदयगिरी के निर्माण में पचहत्तर प्रतिशत स्वदेशी सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है। युद्धपोत आईएनएस सूरत को ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है। प्रोजेक्ट फिफ्टीन बी के पहले जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम को गत वर्ष कमीशन किया गया था।
इस श्रेणी के दूसरे जहाज मुरगांव को भी वर्तमान सरकार द्वारा छह वर्ष पहले लॉन्च किया गया था। तीसरा जहाज इंफाल तीन वर्ष पहले लॉन्च हुआ था। युद्धपोत सूरत प्रोजेक्ट फिफ्टीन बी का चौथा जहाज है। यह सभी जहाज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लैस हैं। इन जहाजों में स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लॉन्चर,पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और छिहत्तर मिलीमीटर सुपर रैपिड गन माउंट जैसी कई स्वदेशी हथियार प्रणालियां हैं।
उदयगिरी प्रोजेक्ट सेवेंटिन ए फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज है। इस प्रोजेक्ट के पहले दो जहाजों नीलगिरि को तीन वर्ष और हिमगिरि को दो वर्ष पहले लॉन्च किया गया था। ये बेहतर स्टील्थ फीचर्स,उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस हैं। प्रोजेक्ट सेवेंटिन ए के तहत मझगांव डॉक्स लिमिटेड एमडीएल में चार और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स जीआरएसई।में तीन जहाज निर्माणाधीन हैं। भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में मान्यता दिलाने की कोशिशों में नौसेना की अहम भूमिका होगी। आज भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में से एक है। तमाम चुनौतियों के बावजूद हमारे निर्यातक लगातार नए कीर्तिमान कायम कर रहे हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक ऐतिहासिक द्विपक्षीयआर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता हुआ हैं। भारत प्रशांत से पूरी दुनिया भर का दो तिहाई से अधिक तेल शिपमेंट होता है। एक तिहाई थोक कार्गो और आधे से अधिक कंटेनर गुजरते हैं। यह क्षेत्र पूरी दुनिया के व्यापार में एक मुख्य मार्ग की भूमिका निभाता है। इसके अलावा देश ने अपने फाइव जी मानक को फाइव जीआई के रूप में बनाया है। यह देश के गांवों में फाइव जी तकनीक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
कनेक्टिविटी भारत में प्रगति की गति निर्धारित करेगी। इसलिए कनेक्टिविटी को हर स्तर पर आधुनिक बनाना जा रहा है। इससे देश के शासन,जन जीवन व व्यापार में सुगमता होगी। साथ ही कृषि, स्वास्थ्य,शिक्षा, बुनियादी ढांचे और रसद जैसे हर क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा। दूरसंचार क्षेत्र से आत्मनिर्भरता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास हो रहा है। समाज और अर्थव्यवस्था दोनों को इसका लाभ मिल रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि टूजी काल की निराशा, हताशा, करप्शन,पॉलिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर देश ने थ्री जी से फोर जी और अब फाइव जी और सिक्स जी की तरफ तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं। पिछले आठ साल में सरकार ने पांच आर पहुंच,सुधार, विनियमन,प्रतिक्रिया और क्रांति के पंचामृत से टेलिकॉम सेक्टर में नई ऊर्जा का संचार किया है। आज हम देश में टेलीडेंसिटी और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इसमें टेलीकॉम समेत कई सेक्टर्स की भूमिका रही है। आठ वर्ष पहले टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग को प्राथमिकता दी गई। जनधन आधार और मोबाइल की ट्रिनिटी को डायरेक्ट गवर्नेंस का माध्यम बनाया गया।
मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स दो से बढ़कर दो सौ से अधिक हो गई। देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। आठ वर्ष पहले तक देश की सौ ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं। आज करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है। इसके अलावा आईटीआर बालासोर से की गई फायरिंग भारतीय मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मिसाइल ने हेलीकॉप्टर के लिए होममेड लॉन्चर सहित कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया। यह भारतीय नौसेना के लिए पहली स्वदेशी हवा से लॉन्च की जाने वाली एंटी शिप मिसाइल प्रणाली है। डीआरडीओ ने एक बयान में कहा कि यह भारतीय नौसेना के लिए पहली स्वदेशी हवा से लॉन्च की गई एंटी शिप मिसाइल प्रणाली है। मिसाइल ने नियंत्रण, मार्गदर्शन और मिशन एल्गोरिदम को मान्य करते हुए उच्च सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य तक पहुंचकर उसकी सभी प्रणालियों ने संतोषजनक प्रदर्शन किया। परीक्षण रेंज में और निकट प्रभाव बिंदु पर तैनात सेंसर ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र को ट्रैक करके सभी घटनाओं को कैप्चर किया। स्वदेश में विकसित नौसैनिक पोत रोधी मिसाइल का यह पहला परीक्षण है।
ओडिशा में एकीकृत परीक्षण रेंज आईटीआर में भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ के साथ मिलकर यह परीक्षण किया था। यह मिसाइल कई नई तकनीकों से लैस है। जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेश में विकसित लांचर भी शामिल है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में एक अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं। भारत ने मिसाइल प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास में उच्च स्तर की क्षमता हासिल की है। भारतीय नौसेना विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के समुद्री सुरक्षा हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा करने के लिए अपनी समग्र युद्ध क्षमता में लगातार वृद्धि कर रही है।