यूपी सरकार वर्ष 2023-24 के लिए जल्द ही नई तबादला नीति लाने जा रही है। इस बार विभागाध्यक्षों को करीब एक माह तबादला करने का मौका दिया जाएगा। पिछली बार उन्हें केवल 15 दिन का ही मौका मिला था। स्थानांतरित होने वाले कर्मियों को जुलाई में नई तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करना होगा। तबादला रुकवाने या फिर कार्यभार ग्रहण करने में देरी करने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंजूरी के लिए कार्मिक विभाग ने तबादला नीति का प्रस्ताव भेज दिया है।
सीएम की मंजूरी के बाद विभागों से राय लेने के बाद इसे कैबिनेट से मंजूर कराया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि ये सभी प्रक्रियाएं इसी माह पूरी कर ली जाएंगी, जिससे जून में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हो सके।
समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कार्मिकों के स्थानांतरण के संदर्भ में यह संख्या संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों की संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत रखने की योजना है। समूह ‘ख’ और ‘ग’ के कार्मिकों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट के आधार पर ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर करने का प्रस्ताव है।
पुरानी नीति की तरह इस साल भी हर तीन साल पर समूह ‘ग’ के कार्मिकों का पटल-क्षेत्र परिवर्तन किया जाएगा। मतलब एक ही पटल पर कोई कर्मचारी तीन साल से है तो उसका पटल बदल दिया जाएगा। कार्मिक विभाग का मानना है कि एक ही पटल पर सालों से काम करने से धांधली की संभावना बढ़ जाती है और कर्मचारी मनमानी करने लगता है।
प्रस्तावित नीति के मुताबिक राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले 30 जून तक किए जा सकेंगे। विशेष परिस्थितियों में मुख्यमंत्री की अनुमति पर कुछ समय-सीमा और बढ़ाई जा सकती है। यह नीति एक साल के लिए होगी। समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारियों के जिले में तीन वर्ष और मंडल में सात वर्ष पूरे होने पर तबादले किए जाएंगे। स्थानांतरित किए जाने वाले समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारियों की संख्या संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या का अधिकतम 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।