लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि विगत सप्ताह सम्पन्न हुये दंगों और प्रदर्शनों में अनेकों निर्दोषों अथवा राहगीर मारे गये, परन्तु उन पर योगी जी का कोई ध्यान नहीं है और न ही कोई मुआवजा घोषित किया गया है। मारे गये लोगों को सरकार तत्काल मुआवजा घोषित करे और दंगों की न्याययिक जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान जज से करायी जाए ताकि दंगे में हिंसा फैलाने वालों की पहचान हो सके।
डाॅ.अहमद ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में ही ज्यादातर दंगे होने के कारणों का भी पता लगाया जाये, क्योंकि इसमें भी सत्ता पक्ष तथा उससे समर्थित संगठनों का हाथ होने का शक है। न्यायिक जांच द्वारा ही दूध का दूध और पानी का पानी हो सकेगा। केवल विपक्ष अथवा किसी एक वर्ग को आरोपित करने की आवश्यकता नहीं है। मा. उच्च न्यायालय के वर्तमान जज के द्वारा की गयी जांच निष्पक्ष और निर्विवाद होगी और सत्ता पक्ष और विपक्ष का वास्तविक चेहरा उजागर होगा।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर इसलिए मैदान में लाया गया है ताकि केन्द्र सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डाल सके, क्योंकि देश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। सम्पूर्ण देश को नोटबंदी की तरह एक बार फिर केन्द्र सरकार ने सुलगता हुआ छोड़ दिया है। ऐसा लगता है कि बेरोजगारी, बेकारी और मंहगाई जैसे मूलभूत मुददों से भटकाकर भाजपा केवल सत्ता सुख भोगना चाहती है और देश की जनता को आपस में लडाकर अंग्रेजों की तरह फूट डालो राज करो का सिद्धान्त अपनाना चाहती है। भाजपा और आरएसएस का मिला-जुला खेल देश के सामने आ चुका है, अब ज्यादा दिन इनका खेल चलने वाला नहीं है।