नई दिल्ली। शीर्ष अदालत ने देशभर के दिव्यांगों को घर-घर जाकर वैक्सीनेशन उपलब्ध कराने को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि इस मामले में सॉलिसिटर जनरल अदालत की सहायता करने में सहयोग करें। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार बताए कि इस महत्वपूर्ण मामले में अभी तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में इवारा फाउंडेशन ने याचिका दाखिल कर दिव्यांग के घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि ये लोग सरकार द्वारा बनाए गए टीका केंद्रों पर जाकर वैक्सीन नहीं लगवा सकते, ऐसे में सरकार को जरूरत है कि वो उनके घर-घर जाकर टीकाकरण करे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्यों को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर राज्यों को नोटिस जारी किया गया तो मामले में दो हफ्ते छोड़ो, दो महीने तक जवाब का इंतजार करना होगा क्योंकि अगर राज्यों को नोटिस जारी किया गया तो वो जवाब देने में दो महीने तक का समय ले सकते हैं।
जेपी नड्डा का बयान- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि बहुत कम समय में करोड़ों वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम पूरा हुआ है। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि 17 सितंबर को पीएम मोदी के जन्मदिन पर कोरोना टीकाकरण में दुनियाभर का रिकॉर्ड टूटा। इस दिन ढाई करोड़ से ज़्यादा लोगों ने वैक्सीनेशन में अपना योगदान दिया। इसके लिए सभी देशवासियों को बधाई।
स्टालिन ने मांगा हर हफ्ते 50 लाख डोज
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर राज्य को हर हफ्ते 50 लाख कोविड वैक्सीन खुराक का अतिरिक्त आवंटन प्रदान करने का आग्रह किया है।बता दें कि सोमवार को प्रदेश में टीकाकरण नहीं हुआ, क्योंकि राज्य ने अपने टीकों का कोटा लगभग समाप्त कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि नई दिल्ली से वैक्सीन की आपूर्ति आने के बाद नियमित टीकाकरण फिर से शुरू किया जाएगा।