केंद्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण के साथ मुख्य महा-डाकपाल, वीणा रामकृष्ण श्रीनिवास ने एनएसडीएल के 25 साल पूरे होने के अवसर पर डाक टिकट और विशेष कवर जारी किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने हिंदी तथा विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में छात्रों के लिए एक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम – ‘मार्केट का एकलव्य’ का शुभारंभ किया।
सेबी की अध्यक्षा, माधबी पुरी बुच ने डिबेंचर कोवेनेन्ट मॉनिटरिंग के लिए एनएसडीएल के ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म का लोकार्पण किया।
भारत की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी, राष्ट्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने भारतीय पूंजी बाज़ार में सेवा के 25 गौरवशाली वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जश्न मनाया। इस गौरवपूर्ण अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्षा, माधबी पुरी बुच, तथा मुख्य महा-डाकपाल वीणा रामकृष्ण श्रीनिवास सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
विगत 25 वर्षों में एनएसडीएल के शानदार सफर को दर्शाने वाले एक कॉर्पोरेट वीडियो के अनावरण के साथ मुंबई में इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिंदी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में छात्रों के लिए एक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम – ‘मार्केट का एकलव्य’ का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को प्रतिभूति बाज़ार की बुनियादी बातों से अवगत कराना है। भारत की कुल 1.36 बिलियन आबादी में से डीमैट खाताधारकों/इक्विटी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या केवल 7% है और इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से भावी निवेशकों को निवेश से जुड़े जोखिम एवं इससे मिलने वाले प्रतिफल के बारे में शिक्षित का लक्ष्य रखा गया है।
इस अविस्मरणीय अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “आज एनएसडीएल के गौरवशाली 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस समारोह में उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। विशेष रूप से विगत 2 वर्षों में एनएसडीएल द्वारा किए गए असाधारण कार्यों से संस्थान की सक्रियता और बढ़ गई है। यह पूरी दुनिया की सर्वोत्तम कार्य प्रणाली को अपनाने के साथ-साथ प्रगति के पथ पर सदैव दूसरों से आगे रहा है। मार्केट का एकलव्य’ के माध्यम से आप ऐसे कई लोगों तक पहुँच सकेंगे जिन्हें वित्तीय साक्षरता की ज़रूरत है। यह समय सबसे उपयुक्त है क्योंकि लोगों में बाज़ार के बारे में जानने की प्रवृत्ति दिखाई दे रही है, साथ ही एनएसडीएल का दृष्टिकोण और अपनाया गया माध्यम भी एकदम उपयुक्त है। दुनिया भर के युवा इस प्रकार की पहल से लाभान्वित क्योंकि इसे कई भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।”
वर्ष 2019-20 में हर महीने औसतन 4 लाख नए डीमैट खाते खोले गए, और वर्ष 2020-21 में तीन गुना की बढ़ोतरी के साथ संख्या 12 लाख डीमैट खाते प्रति माह तक पहुँच गई और वर्ष 2021-22 में एक बार फिर यह संख्या बढ़कर लगभग 26 लाख डीमैट खाते प्रति माह हो गई।
इस उद्योग जगत के पहले ऐसे प्लेटफॉर्म के लोकार्पण के अवसर पर, श्रीमती माधबी पुरी बुच ने कहा, “एनएसडीएल के 25 वर्ष पूर्ण होने के मौके पर आयोजित इस ऐतिहासिक समारोह में उपस्थित होना सचमुच बेहद ख़ुशी की बात है। डिपॉजिटरी नई तकनीकों को अपनाने तथा प्रतिभूति एवं निर्गम संबंधी प्रसंविदाओं (कोवेनेन्ट) की निगरानी के लिए महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा काम कर रहा है। भविष्य में आज के दिन को अत्यंत महत्त्वपूर्ण अवसर के रूप में भी याद किया जाएगा, क्योंकि बाज़ार में डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी के उपयोग के मामले में हम पहला कदम उठा रहे हैं।”
वित्त मंत्री ने भारतीय पूंजी बाजारों के विकास में एनएसडीएल के योगदान का सम्मान करते हुए माई स्टाम्प और विशेष कवर भी जारी किया। मुख्य महा-डाकपाल, वीणा रामकृष्ण श्रीनिवास ने इस कार्यक्रम का संचालन किया और बताया कि एनएसडीएल के रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य में टिकट जारी किया गया है।
इस अविस्मरणीय अवसर पर बोलते हुए, एनएसडीएल की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पद्मजा चंद्रू, ने कहा, “इस अवसर पर, मैं वित्त मंत्री और सेबी की अध्यक्षा को उनकी गरिमामय उपस्थिति के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ। साथ ही, मैं अपने सभी व्यापारिक भागीदारों और निवेशकों को भी धन्यवाद देना चाहती हूँ जिनके सहयोग के बिना यह सफ़र संभव नहीं हो पाता। प्रौद्योगिकी, विश्वास और विस्तृत दायरे तक पहुँच ही हमारे संगठन के मूल आधार हैं। एनएसडीएल हमेशा सेवा के उच्चतम मानकों में यकीन रखता है, साथ ही हम अपने ग्राहकों को सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से लगातार नई खोज करना और नई तकनीकों को अपनाना जारी रखेंगे।”