नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार की जबर्दस्त खिंचाई की और चारधाम यात्रा पर विचार कर 28 जून तक कोर्ट को बताने को कहा है। यही नहीं कोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर तैयारियों को लेकर भी स्वास्थ्य महकमे से सात जुलायी तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
कोर्ट ने सचिव पर्यटन से पूछा है कि अगर चारधाम यात्रा को खोला जाता है तो श्रद्धालुओं के रहने-खाने और मेडिकल की क्या व्यवस्था है. साथ ही स्थानीय स्तर पर वैक्सीनेशन की क्या स्थिति है.
कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चारधाम यात्रा में कोर्ट कतई ढिलाई बर्दास्त नहीं होगी. चीफ जस्टिस कोर्ट ने सरकार को कहा है कि अगर चारधाम और पर्यटन को खोलना चाहते हैं तो समय पर निर्णय लें. हाईकोर्ट ने 23 जून को सचिव पर्यटन को सुनवाई में मौजूद रहने का आदेश दिया है
कोर्ट ने यह भी कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल में सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र के दो जिले इसकी चपेट में आ चुके हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि हरिद्वार महाकुंभ का उदाहरण हमारे सामने है। महाकुंभ के बाद देश में कोरोना की दूसरी लहर का प्रसार तेजी से हुआ है।