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डिप्टी सीएम की पहल पर निजी विद्यालय उठायेंगे कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा का बीड़ा

लखनऊ। उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा के आवाहन ने एक ऐसी अनूठी पहल की है जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों का जीवन भी ज्ञान के प्रकाश से रोशन होता रहेगा। डा. शर्मा ने यह प्रस्ताव दिया कि ऐसे बच्चे जिनके माता पिता की कोरोना से दुःखद मृत्यु हो गई है उन बच्चों की शिक्षा का भार निजी विद्यालयों द्वारा उठाया जाए। जल्दी ही वह ऐसा प्रस्ताव निजी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से भी करने वाले हैं। अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन  के 23 जिलों के 1300 सदस्य वाले संगठन के साथ वर्चुअल बैठक में  डिप्टी सीएम के इस प्रस्ताव का एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों ने समर्थन करते हुए अपनी सहमति दी है।

इस पहल से संवरेगा कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों का भविष्य 

डा. शर्मा ने इस प्रस्ताव के समर्थन के लिए आभार जताते हुए कहा कि निजी विद्यालय प्रदेश में शिक्षा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज की यह पहल अनाथ हुए बच्चों के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर साबित होगी। बच्चे देश का भविष्य है इसलिए यह पहल राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में एक आहुति की तरह ही है। यही प्रधानमंत्री का न्यू इंडिया है जिसमें उनके सबका साथ सबका विकास के मंत्र को आत्मसात कर किसी को भी पीछे नहीं छूटने दिया जा रहा है। अब यह बच्चे भी किसी से पीछे नहीं रहेंगे। माता पिता की अनुपस्थिति में भी उन्हे गुणवत्तापरक शिक्षा प्राप्त होगी तथा आने वाले समय में वे देश निर्माण में भी योगदान देंगे।


उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल पर अनाथ बच्चों की फीस, पुस्तकों व स्कूल ड्रेस का खर्च वहन करने के निजी स्कूलों की सहमति देश के अन्य राज्यों को भी राह दिखाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने कोरोना की विषम परिस्थितियों को देखते हुए अभी हाल में ही फीस वृद्धि पर भी रोक लगाई है। सरकार की मंशा लोगों की परेशानी को कम करने व उन्हे राहत देने की है। इस क्षेत्र में भी निजी स्कूलों का सहयोग सराहनीय रहा है। सरकार की मंशा विद्यालयों के उत्पीड़न की नहीं हैं पर अभिभावकों व बच्चों के हितों का संरक्षण भी सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार दोनों के बीच में संतुलन बनाकर आगे बढ़ रही है।

बोर्ड परीक्षा देने वाले 18 वर्ष से ऊपर के बच्चों व शिक्षकों के टीकाकरण के लिए चलेगा अभियान 

डा. शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव किए हैं। आने वाले समय में भी सकारात्मक बदलावों की श्रंखला जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां पर ऑनलाइन कक्षाएं आरंभ हो गई हैं। डा शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के स्तर पर आज हुई बैठक मे कोरोना संक्रमण कम होने पर सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 12 की परीक्षा कराने पर विचार हुआ है। डॉ. शर्मा ने प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षा कराने के संबंध में कहा कि शीघ्र ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने प्रबंधकों एवं जिला विद्यालय निरीक्षको से कहा कि बोर्ड परीक्षा के पहले बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी बच्चों व शिक्षकों के टीकाकरण के लिए अभी से रजिस्ट्रेशन करवाकर अभियान चलाया जाए।

उन्होंने बैठक में प्रबंधकों से कक्षा 6,  7,  8,  9 व 11 के छात्रों के प्रमोशन के तरीकों को लेकर सुक्षाव देने को भी कहा है। डा. शर्मा ने कहा कि शुल्क निर्धारण अधिनियम का पालन करे। वर्तमान दौर संकट का है तथा सरकार संतुलित रूप से हर पक्ष को ध्यान में रखते हुए निर्णय कर रही है। पुष्पलता अग्रवाल द्वारा कोरोना काल में स्कूल बस को शव वाहन के रूप में प्रयोग करने के लिए देने की पहल की उन्होंने सराहना की और कहा कि ऐसे कार्य हमेशा प्रशंसनीय होते हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री की  पहल प्रेरणादायी है एंव बच्चों को बेहतर भविष्य प्रदान करेगी।  बैठक में जगदीश गांधी, पुष्पलता अग्रवाल, अनिल अग्रवाल अध्यक्ष अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, सुशील गुप्ता अध्यक्ष आगरा एसोसिएशन, दीपक मधोक अध्यक्ष पूर्वांचल एसोसिएशन वाराणसी, विशाल जैन अध्यक्ष सीआईएसए, राहुल केसरवानी, सचिव पश्चिम उत्तर प्रदेश, पीटर फैंथम सीनियर, आश्रिता दास,  बृजेंद्र सिंह, जीवन खन्ना, रचित मानस, राजीव तुली,  सुनीता गांधी, रीता खन्ना, ख्वाजा फैजी, युसूफ फरहान सिद्दीकी, रितेश द्विवेदी आदि शामिल हुए तथा प्रस्ताव का समर्थन किया।

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