रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना संकट में भारतीय ग्रामीण परिवेश पर नए सिरे से विचार का अवसर दिया है। इस सहज और प्रकृति के सानिध्य की जीवन शैली को विश्व स्तर पर सराहना मिली है।
आधुनिकता की चकाचौंध में यह विचार कहीं धूमिल हो रहा था। अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा इस पर व्यापक विचार विमर्श की श्रृंखला चलाई जा रही है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् मेरठ प्रान्त द्वारा अपनी वोली अपना गाँव विषय पर बेबीनार का आयोजन किया गया। साहित्यकार और बुंदेलखंड विकास बोर्ड के सदस्य डॉ पवनपुत्र बदल ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण विषय पर ऋषि कुमार मिश्र महामंत्री, डॉ. सुशील मधुपेश, प्रो. सत्येंद्र मिश्र, डॉ. महेश पाण्डे, देवेंद्र देव, डॉ. रबीन्द्र शुक्ल बत्रा,भावना, प्रो. अरुण भगत, बाबा कानपुरी, डॉ. बलजीत, अक्षय प्रताप, अरविन्द भाटी, रमा सिंह का सारगर्भित मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
डॉ. पवनपुत्र बादल ने सभी वक्ताओं व मेरठ प्रान्त साहित्य परिषद् के सभी सहयोगियों व कार्यकर्त्ताओ के प्रति आभार व्यक्त किया है।