• कांग्रेस सपा को रास नहीं आते हैं भारत की संस्कृति और संस्कार
• विपक्ष के मन में है जातिवाद और तुष्टीकरण का कीडा
• सनातन के अपमान के लिए कांग्रेस चला रही है सुनियोजित अभियान
• देवी देवताओं को कोसने वाले दल कर रहे हैं ब्राह्मण सम्मेलन का ढोंग
• राम मंदिर कार्यक्रम के आमंत्रण की इच्छा रखने वाले बताएं कि वे अब तक प्रभु राम के दर्शन के लिए क्यों नहीं आए
लखनऊ/ नैमिषारण्य,सीतापुर। राज्यसभा सांसद व पूर्व उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश डा दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सपा ऐसे इंडी गठबंधन के दलों को भारत की संस्कृति और संस्कार रास नहीं आते हैं। इन्होंने विशेष कर कांग्रेस के सहयोगी समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ पदाधिकारी ने तो हिन्दू धर्म को धोखा तक बता दिया है। अब ये दल गठजोड बनाकर हिन्दू धर्म को अपमानित कर रहे हैं।
अगर इन दलों के नेताओं को हिन्दू/सनातन धर्म से इतनी ही परेशानी है तो फिर इन्हें अपने चुनावी नामांकन में भी अपने आपको धर्म के कलाम में हिन्दू नहीं लिखना चाहिए। इन नेताओं के मन में तुष्टीकरण व जातिवाद का कीडा है जो समय समय पर कुलबुलाने लगता है।
कांग्रेस पर सनातन के अपमान के लिए सुनियोजित अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एक ओर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कहते हैं कि मोदी को रोको, नहीं तो सनातन आ जाएगा। वहीं दूसरी ओर उसके सहयोगी डीएमके सनातन की तुलना कोरोना जैसी बीमारियों से करते हैं।
इस कडी में सपा के एक बडे नेता तो हिन्दू देवी देवताओं को लेकर आए दिन तमाम अपमानजनक बाते कहते रहते हैं। इन लोगों को जान लेना चाहिए कि सनातन को रोकना अथवा समाप्त करना उनके बस की बात नहीं है। सनातन एक परम्परा और समन्वय का नाम है।
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नैमिषारण्य सीतापुर में हजारों की संख्या में आये साधु संतों एवं ब्राह्मण समाज के पुजारी एवं बटुकों को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि देवी देवताओं को कोसने वाले दल ब्राह्मण सम्मेलन का ढोंग कर रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि ब्राह्मण को सम्मेलन नहीं अपने देवी देवताओं का सम्मान चाहिए। यह सम्मान केवल मोदी जी और योगी जी ने किया है। सम्मेलन से नहीं बल्कि देवी देवताओं का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई से ही पाप धुल पाएंगे।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राम मंदिर की बात होने पर तारीख नहीं बताने का तंज कसने वाले जान लें कि अब 22 जनवरी को प्रभु राम भव्य मंदिर में विराजने जा रहे हैं। राम विरोधियों को जवाब मिल गया है। सत्ता में रहने के दौरान राम को काल्पनिक बताने वाली कांग्रेस और राम को अपमानित करने वाले उसके सहयोगी देश के करोडो लोगों की आस्था के केन्द्र प्रभु राम के मंदिर के स्वप्र के साकार रूप लेने वाले कार्यक्रम का आमंत्रण पाने के लिए बेकरार हैं।
श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के समय कर सेवकों पर गोली चलाने के लिए किसी ने आमंत्रण की प्रतीक्षा नहीं की थी माननीय न्यायालय में राम सेतु बंधु रामेश्वरम एवं रामजन्म स्थान को काल्पनिक बताने के लिए सपा और कांग्रेस को निमंत्रण की प्रतीक्षा नहीं थी आज आमंत्रण के लिए लालायित है उन्हें बताना चाहिए कि वे क्यों आज तक कभी राम लला के दर्शन के लिए नहीं आए।
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राम का अपमान करने वालों को अब अपना भविष्य अंधकारमय नजर आने लगा है और उन्हें भी राम कृपा की अभिलाषा हो रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की आगामी यात्रा पर तंज कसते हुए डा शर्मा ने कहा कि भारत यात्रा कार्यक्रम करने से नहीं बल्कि भारत की पुरातन सनातन संस्कृत का विरोध समाप्त करने, भारत की संस्कृति के संरक्षण की भावना लाने और प्रभु के स्मरण से ही उनका कल्याण होगा।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति और संस्कार का विरोध करने वालों को अपने राष्ट्रवादी विचार एवं विकासन उन्मुख कार्यक्रमों के माध्यम से जवाब देने का कार्य प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी कर रहे हैं। आज देश में सभी धर्मो का सम्मान है पर किसी का तुष्टीकरण नहीं हो रहा है।
आज देश में अपने धर्म के प्रतीक को धारण करने में कोई हिचक नहीं है। भारत की यहीं संस्कृति और संस्कार ब्राह्मण को पसंद है। ब्राह्मण को देवतुल्य कहा गया है क्योंकि उसमें देवता के समान त्याग में समर्पित सद्गुणों को माना जाता है। भारत में कभी भी जाति की व्यवस्था नहीं रही है। ब्राह्मण वह है जो शास्त्रों का प्रचार प्रसार करें, जीवन यापन के लिए भिक्षाटन करें, कठोर तप त्याग व बलिदान करें, अध्ययन व अध्यापन करें, हिन्दू देवी देवताओं का सम्मान व मंदिरों की रक्षा तथा जिसमें समाज के कल्याण की भावना हो।
यह जाति नहीं बल्कि श्रेष्ठ जीवन जीने का संस्कार है। यह बदला लेने के लिए नहीं बदलाव लाने के लिए है। ये किसी का अहित नहीं करता है बल्कि हर कार्य में समाज के हर वर्ग को जोडने का कार्य करता है।
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उन्होंने कहा कि ऋषि मुनियों ने नैमिशारण्य में तप किया जिससे कि भारत की संस्कृति सर्वोच्च स्थान पर पहुच सके। विदेशी आक्रान्ताओं ने भारत को लूटने में कोई कोर कसर नहीं रखी थी तथा वे केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को नहीं लूट सके क्योंकि इसके संरक्षण का कार्य ब्राह्मणों ने किया था।
आक्रान्ताओं ने मंदिरों को नष्ट किया ब्राह्मणों की शिखा काटी जनेऊ को जलाया पर जब संस्कृति पर हमला किया तो ब्राह्मणों ने धर्म ग्रन्थों को कंठस्थ करने के बाद उनका फिर से लेखन कर दिया। इसीलिए सनातन था सनातन है और सनातन रहेगा। यहां के रग रग में सनातन है और कण कण में ईश्वर का वास है। इस अवसर विधायक शशांक त्रिवेदी, ब्राह्मण चेतना परिषद के प्रदेश अध्यक्ष विश्वदीप अवस्थी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।