वर्तमान आपदा के दौरान भारतीय जीवन शैली पर नए सिरे से चर्चा प्रारंभ हुई है। योग, मोटे अनाज का सेवन,औषधि के रूप में उपलब्ध दैनिक उपयोग की अनेक सामग्रियों का महत्व दुनिया ने समझा है। अत्यधिक केमिकल के उपयोग ने पहले कृषि उत्पादन तो बढ़ाया, लेकिन इससे अब भूमि की उपजाऊ क्षमता कम होने लगी है। इतना ही नहीं इस प्रकार के कृषि उत्पाद ने अनेक बीमारियों को जन्म दिया है। कृषि की लागत भी बढ़ती रही है।
ऐसे में भारतीय जैविक कृषि को ही बेहतर विकल्प के रूप में मान्यता मिल रही है। इससे जमीन की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है। ऐसे कृषि उत्पाद के सेवन ने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। भारत में जैविक कृषि के साथ पशुपालन को भी महत्व दिया गया। गाय का दूध प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। जैविक कृषि में भी पशुपालन सहायक होता है। सरकार जैविक कृषि को प्रोत्साहन दे रही है।
किसानों ने प्रधानमंत्री को वर्चुअल माध्यम से बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आयोजित गंगा यात्रा में सम्मिलित होने से उन्हें जैविक खेती की प्रेरणा मिली। इसके पश्चात उन्होंने जैविक खेती व जीवामृत तथा घना जीवामृत बनाने के संबंध में प्रशिक्षण प्राप्त किया। अन्य किसानों को भी जीवामृत एवं घना जीवामृत बनाने का प्रशिक्षण दिया। गांव में क्लस्टर बनाकर काला नमक चावल,आलू,गेहूं आदि फसलों की खेती की जा रही हैं। एफपीओ का गठन कर अपने उत्पादों की पैकेजिंग कर विपणन भी हो रहा है।
नरेंद्र मोदी ने जैविक खेती,प्राकृतिक खेती, एफपीओ आदि के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य करने वाले इन किसानों के कार्य सराहनीय बताया। उन्होंने पैकेजिंग के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर अन्य विकल्पों के प्रयोग का सुझाव दिया। कहा कि इससे नमामि गंगे का मूल भाव पूर्णता को प्राप्त करेगा। मां गंगा के दोनों तटों के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे मां गंगा में प्रदूषण कम होगा। तटों पर जैविक खेती से प्राप्त उत्पाद नमामि गंगे ब्रांड के रूप में उपलब्ध है।
किसान सम्मान
प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से आज देश के लगभग 9.5 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त का अंतरण किया। इसके तहत उन्होंने बटन दबाकर किसानों के बैंक खातों में बीस हजार करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत आज ट्रांसफर की गई धनराशि में से प्रदेश के 261.5 लाख किसानों के खातों में कुल 5,230 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि अंतरित की गई है। पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में 2,195 करोड़ रुपए, वर्ष 2019-20 में 10,883 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2020-21 में 14,185 करोड़ रुपए, इस तरह अब तक कुल 27,263 करोड़ रुपए प्रदेश के किसानों को प्राप्त हुए हैं।