कोरोना के खतरे को देखते हुए दिल्ली के शाहीन बाग से धरना प्रदर्शन हटाने की मांग वाली एक और जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील आशुतोष दुबे ने दायर किया है।
याचिका में कहा गया है कि शाहीन बाग में 15 दिसंबर 2019 से नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया जा रहा है। उस धऱने में कम से कम तीन सौ बच्चे और महिलाएं भी बैठी हैं। छुट्टियों के दिनों में यह संख्या एक हजार से ऊपर तक पहुंच जाती है।
याचिका में कहा गया है कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को महामारी करार दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरों से बाहर निकलने से मना किया है और घरों से काम करने की सलाह दी है। यहां तक कि टीवी और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों ने भी काम बंद कर दिया है।
याचिका में शाहीन बाग में धरना देनेवालों को हटाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। कोरोना वायरस अब स्टेज 3 में पहुंच चुका है इसका मतलब कि ये कम्युनिटी प्रसार की स्थिति में पहुंच गया है। ऐसे में दिल्ली के लाखों लोगों की जान पर खतरा हो सकता है। याचिका में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला और बाल कल्याण मंत्रालय, दिल्ली सरकार , मानवाधिकार आयोग और दिल्ली पुलिस को पक्षकार बनाया गया है।