रायबरेली। ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं देने के नाम पर सरकार अरबो रुपये खर्च कर रही है लेकिन इसका कितना लाभ गरीबो को मिल रहा है इसका हाल देखना है तो आप खीरो ब्लाक के देवगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखिये, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक वीरेंद्र सोनकर पांच दिन से गायब है। उनके न रहने पर Pharmacist फार्मासिस्ट वी.के.सिंह पटेल खुद चिकित्सक बन कर अस्पताल चलाते है। इतना ही नही वो भी घंटे दो घंटे बाद वहां से चले जाते है और अपने प्राइवेट क्लीनिक में बैठते है।जहां से उन्हें अच्छी आमदनी होती है।
Pharmacist कर रहा मरीजों का इलाज
खीरो ब्लाक के देवगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। यहां पिछले पांच दिनों से ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक नही हैं, इसकी गवाही खुद रजिस्टर दे रहा था। उनकी जगह आस- पास से आये हुए मरीजो का इलाज़ फार्मेसिस्ट महोदय कर रहे थे। सूत्रों कि माने तो ये भी ज्यादा समय अपने प्राइवेट क्लीनिक पर देते है जहां से इनकी मोटी कमाई होती है।
अस्पताल के सभी कमरों में ताला लटका हुआ था। दवा काउंटर में दवाए तितर-बितर थी। अस्पताल की खस्ता हालत और अनुशासन हीनता दर्शाती है की प्रशासन पूरी तरह से निरंकुश, मनमाना, भ्रष्ट व जनता की समस्याओं के प्रति असंवेदनशील हैं। पीएचसी की दर्जनों शिकायतों के बावजूद जिस तरह से जिले के जिम्मेदार आलाधिकारी शुतुरमुर्गी रवैया अपनाकर समस्याओं से अनजान बने हुये हैं। उससे ऐसा लगता है कि इनकी सह पर ही ये मनमानियां हो रही है।
रिपोर्ट – रत्नेश मिश्रा