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पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सीएए व एनपीआर को लेकर बदली उद्धव ठाकरे की सोच, कहा:’हम समर्थन…’

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ पीएम नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. जिसके बाद उन्होंने साफ कर दिया कि वह सीएए व एनपीआर का समर्थन करेंगे. उनके इस निर्णय ने उनकी नयी सहयोगी पार्टियों को चौंका दिया है व उन्होंने उन्हें अपने निर्णय पर दोबारा विचार करने की सलाह दी है क्योंकि प्रदेश में तीन पार्टियों का गठबंधन है.

जहां ठाकरे के इस निर्णय ने महा विकास अघाड़ी में खींचतान बढ़ाने का कार्य किया है. वहीं कांग्रेस पार्टी व राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) उनपर अपने निर्णय पर दोबारा विचार करने का दबाव बना रही हैं. कांग्रेस पार्टी नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर बोला कि ठाकरे को सीएए व एनपीआर पर ज्यादा जानकारी दी जानी चाहिए. शरद पवार व प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने ठाकरे से इस विषय पर वार्ता की.

इसी बीच प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष बालासाहेब थोराट का बोलना है कि वह रविवार को सीएम से मिलेंगे ताकि यह जानने की प्रयास की जा सके कि उन्होंने सीएए-एनपीआर पर निर्णय क्यों लिया. कांग्रेस पार्टी व एनसीपी दोनों ने यह साफ कर दिया है कि वह प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होने देंगे व ठाकरे के बयान से गठबंधन में चल रही अनबन को बल मिला है.

तिवारी ने ट्वीट कर बोला ‘ठाकरे को यह जानने की जरुरत है कि कैसे एनपीआर एनआरसी का आधार था. यदि एक बार आप एनपीआर लागू करते हैं तो आप एनआरसी को नहीं रोक पाएंगे.’ सीएए को लेकर तिवारी ने उद्धव से बोला कि उन्हें यह बताए जाने की आवश्यकता है कि भारतीय संविधान के तहत धर्म नागरिकता का आधार नहीं हो सकता.

दोनों पवार के सा़थ हुई उद्धव की मीटिंग में एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने बोला कि यह सुझाव मिला है कि कांग्रेस, एनसीपी व शिवसेना के वरिष्ठ कैबिनेट सदस्यों को मिलकर सीएए व एनपीआर पर अध्ययन करना चाहिए. अजित पवार ने कहा, ‘हमारी सीएम के साथ अच्छी मीटिंग हुई. सीएए व एनपीआर के अतिरिक्त हमने उन मुद्दों पर चर्चा की जो प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सामने आएंगे.’

नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. जिसके बाद उन्होंने साफ कर दिया कि वह सीएए व एनपीआर का समर्थन करेंगे. उनके इस निर्णय ने उनकी नयी सहयोगी पार्टियों को चौंका दिया है व उन्होंने उन्हें अपने निर्णय पर दोबारा विचार करने की सलाह दी है क्योंकि प्रदेश में तीन पार्टियों का गठबंधन है.

जहां ठाकरे के इस निर्णय ने महा विकास अघाड़ी में खींचतान बढ़ाने का कार्य किया है. वहीं कांग्रेस पार्टी व राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) उनपर अपने निर्णय पर दोबारा विचार करने का दबाव बना रही हैं. कांग्रेस पार्टी नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर बोला कि ठाकरे को सीएए व एनपीआर पर ज्यादा जानकारी दी जानी चाहिए. शरद पवार व प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने ठाकरे से इस विषय पर वार्ता की.

इसी बीच प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष बालासाहेब थोराट का बोलना है कि वह रविवार को सीएम से मिलेंगे ताकि यह जानने की प्रयास की जा सके कि उन्होंने सीएए-एनपीआर पर निर्णय क्यों लिया. कांग्रेस पार्टी व एनसीपी दोनों ने यह साफ कर दिया है कि वह प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होने देंगे व ठाकरे के बयान से गठबंधन में चल रही अनबन को बल मिला है.

तिवारी ने ट्वीट कर बोला ‘ठाकरे को यह जानने की जरुरत है कि कैसे एनपीआर एनआरसी का आधार था. यदि एक बार आप एनपीआर लागू करते हैं तो आप एनआरसी को नहीं रोक पाएंगे.’ सीएए को लेकर तिवारी ने उद्धव से बोला कि उन्हें यह बताए जाने की आवश्यकता है कि भारतीय संविधान के तहत धर्म नागरिकता का आधार नहीं हो सकता.

दोनों पवार के सा़थ हुई उद्धव की मीटिंग में एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने बोला कि यह सुझाव मिला है कि कांग्रेस, एनसीपी व शिवसेना के वरिष्ठ कैबिनेट सदस्यों को मिलकर सीएए व एनपीआर पर अध्ययन करना चाहिए. अजित पवार ने कहा, ‘हमारी सीएम के साथ अच्छी मीटिंग हुई. सीएए व एनपीआर के अतिरिक्त हमने उन मुद्दों पर चर्चा की जो प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सामने आएंगे.’

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