प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई गंभीर है और जांच एजेंसियों को बिना हस्तक्षेप के अपना काम करने दिया जाना चाहिए। पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में पीएम ने कहा कि ‘अदाणी-अंबानी’ वाली टिप्पणी की पुष्टि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी की है। उन्होंने ‘स्वीकार’ किया कि अगर अदाणी-अंबानी बहुत सारा पैसा भेजते हैं तो वे उनके खिलाफ नहीं बोलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान आठ मई को पहली बार कांग्रेस पर ”अंबानी और अदाणी” के साथ सांठगांठ होने का आरोप लगाया था और पूछा था कि क्या पार्टी को इन दोनों कारोबारियों से ”ढेर सारा कालाधन” मिला है जिस कारण उनके नेता राहुल गांधी ने उन्हें ”गाली” देना बंद कर दिया।
लोगों को आश्चर्यचकित करने वाली टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों से कांग्रेस के ‘शहजादा’ (राजकुमार) का मुख्य चुनावी मुद्दा दो लोगों के बारे में एक ही राग अलापना रहा। अचानक, जैसे ही चुनाव शुरू हुआ, अभियान का मुख्य मुद्दा बदल गया। अचानक यह बदलाव क्यों? मेरी बात को किसी और ने नहीं बल्कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने तुरंत सही ठहराया। अधीर रंजन चौधरी ने स्वीकार किया कि अगर अदाणी-अंबानी बहुत सारा पैसा भेजते हैं, तो वे उनके खिलाफ नहीं बोलेंगे।
उन्होंने कहा कि जहां तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का सवाल है, ये ऐसी एजेंसियां हैं जो स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार और काले धन के मामलों से निपटने में उत्कृष्ट काम किया है। 2014 से पहले, ईडी ने केवल 5,000 करोड़ रुपये जब्त किए। मेरे कार्यकाल में एक लाख करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई गंभीर है। हमें अपनी एजेंसियों को बिना हस्तक्षेप के अपना काम करने देना चाहिए।