लखनऊ। प्रधानमन्त्री मोदी की अति महत्वाकांक्षी सरयू नहर फेज–3 परियोजना लागत 1672.69 करोड़ आखिरकार अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार हो गयी है। परियोजना से जनपद गोण्डा, बहराइच, बस्ती, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, सन्तकबीर नगर एवं गोरखपुर के किसानों को नहरों से खेतों की सिंचाई का लाभ मिलना है।
जल शक्ति मन्त्रालय के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की ग्रेटर शारदा सहायक समादेश परिेयोजना में अध्यक्ष एवं प्रशासक के पद पर तैनात श्री संदीप कुमार, आई0ए0एस0 विगत एक माह से छुट्टी पर चल रहे रहे है। लापरवाही का आलम यह है कि अबतक किसी अन्य अधिकारी की अध्यक्ष एवं प्रशासक के पद पर तैनाती नही की गयी है। अधिकारियों की लापरवाही से परियोजना के कार्यों की प्रगति भी अत्यन्त धीमी है।
परियोजना के कार्यो का प्रभावी अनुश्रवण नही हो रहा है। विभागाध्यक्ष न होने के कारण कर्मचारी पदोन्नति व ए0सी0पी0 के लाभ से भी वंचित चल रहे है। सेवा निवृत्त कर्मी भी अपने भुगतानों हेतु किसी अध्यक्ष एवं प्रशासक के आने की बाट जोह रहे है। विभाग अपनी दुर्दशा पर निराश व हताश है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रावस्ती और बहराइच जिलों में परियोजना का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि यह प्रधानमंत्री की ओर से पूर्वी यूपी के किसानों के लिए एक बड़ा उपहार है।