नई दिल्ली। रविवार की शाम भारत सेवाश्रम संघ के हाथी मन्दिर, श्रीनिवास पुरी में भारतीय साहित्यिक विकास मंच द्वारा एक शानदार कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें देश के जाने माने नामचीन कवियों एवं शायरों ने सिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत माधुरी स्वर्णकार द्वारा माँ सरस्वती वंदना से की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ ग़ज़लकार दरवेश भारती ने की। तग़ज़्ज़ल और तख़्य्युल पर “भारती” जी ने अपने विचार व्यक्त किये और लाजवाब ग़ज़ल पाठ भी किया। मुख्य अतिथि रहे वरिष्ठ साहित्यकार नरेश शांडिल्य ने लाजवाब दोहों से खूब समां बाँधा। ममता लड़ीवाल ने अपने बेहतरीन अंदाज़ में कवि सम्मेलन/ मुशायरा” का बेहद शानदार मंच संचालन किया।
भारतीय साहित्यिक विकास मंच के संरक्षक विजय स्वर्णकार ने
विशिष्ट अतिथि रहे शायर कमर बदरपुरी, शायरा उर्मिला माधव , कवि मनोज मनमौजी , कवि अनिमेष शर्मा , चेतन आनंद , अनिल मीत, ताराचंद शर्मा , शशिकांत , स्वामी ग़ाफ़िल , अवशेष विमल आदि , सभी कवि एवं शायरों ने अपना बेहतरीन काव्य पाठ किया। भारतीय साहित्यिक विकास मंच के संरक्षक विजय स्वर्णकार ने लाजवाब गीत पर खूब वाह वाही बटोरी, संस्था के अध्यक्ष गुरचरन मेहता रजत ने भी सुंदर मुक्तक पढ़ कर श्रोताओं का मन जीत लिया, संस्था की कोषाध्यक्ष माधुरी स्वर्णकार ने भी अपनी कोमल आवाज़ में शानदार ग़ज़ल पढ़ी।
संस्था के उपाध्यक्ष फ़ैज़ बदायूँनी ने बहुत सुंदर सुर लगाते हुए लाजवाब अशआर पढ़े, संस्था की महासचिव ममता लड़ीवाल ने भी बेहतरीन ग़ज़ल पढ़ते हुए बहुत खूबसूरत समा बाँधा, संस्था के संयुक्त सचिव जगदीश मीणा ने जहाँ एक बहुत ही उम्दा गीत पढ़ा वहीं अपनी फोटॉग्राफी से भी सभी को चकित किया। संस्था के मीडिया प्रभारी संजय कुमार गिरि एवं संस्था के मुख्य सलाहकार भूपेंद्र सिंह ‘शून्य’ आज के कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पाए उन्हें भी याद किया गया।
अन्य काव्य पाठ करने वाले सुधिजन कवियों में जुनैद स्क़लानी, प्रीत परेशां, मुस्कान शर्मा, संजय तन्हा, सलीम सुहानवी, सुंदर सिंह, अख्तर गौरखपुरी, सुरेंद्र इंसान, मंजुल निगम, राजेश मयंक, डॉ मोहम्मद शाहिद, प्रदीप भट्ट, गोपाल, दीपक भारतवासी, ललित शर्मा, यशपाल सिंह कपूर, पंकज शर्मा, सरिता जैन, मनोज शाश्वत, ए.एस.अली. खान, रमायाशंकर आदि कवि मित्रों ने गीत, ग़ज़ल छंद आदि से खूब सराहना बटोरी। लगभग 5 घंटे कार्यक्रम चला और इसके बाद भारत सेवाश्रम संघ की तरफ से प्रसाद के रूप में सभी ने सात्विक भोजन का आनन्द लिया ।
संजय कुमार गिरि