लखनऊ। थाईलैंड की युवती की पिछले दिनो लखनऊ में कोरोना संक्रमण से हुयी मौत के मामले में रविवार को राजनीति गरमाने के बाद देर शाम पुलिस आयुक्त ने जांच के आदेश दिये हैं। पुलिस आयुक्त डी. के. ठाकुर ने बयान जारी कर कहा कि थाईलैंड की युवती की लखनऊ में कोरोना संक्रमण से मौत के मामले की जांच डीसीपी पूर्वी के नेतृत्व में गठित टीम ने जांच शुरू कर दी है। संबधित लोगों से पूछताछ की जा रही है। जांच से प्राप्त तथ्यों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जायेगी।
दरअसल, थाईलैंड से लखनऊ आयी एक युवती की तीन मई को कोरोना संक्रमण से मौत हो गयी थी। सूत्रों के अनुसार थाई दूतावास की सहमति के बाद युवती का अंतिम संस्कार छह मई को कर दिया गया था। आरोप है कि लखनऊ के एक बड़े कारोबारी के पुत्र ने युवती को 23 अप्रैल को बुलाया था। मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार युवती के गाइड सलमान की मौजूदगी में किया गया था।
इस मामले में रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने थाईलैंड की कॉलगर्ल की रहस्यमय मृत्यु के संबंध में विधिक प्रावधानों के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही किये जाने की मांग की। पुलिस कमिश्नर लखनऊ के साथ एसीएस होम तथा डीजीपी सहित को भेजी शिकायत में उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार थाईलैंड की एक कॉलगर्ल चोरी छिपे लखनऊ में लायी गयी, यहाँ उसके बीमार पड़ने पर अनुचित एवं अवैधानिक ढंग से चोरी-चुपके इलाज कराया गया तथा मृत्यु के पश्चात् भी लखनऊ पुलिस की सक्रिय सहायता एवं सहयोग से उस महिला के शव का अंतिम संस्कार भी चोरी छिपे विधि के प्रावधानों के विपरीत किया गया।
उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रवक्ता आईपी सिंह के ट्वीट का हवाला देते हुये कहा कि भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय सेठ के बेटे ने ही ‘अय्याशी’ के लिए युवती को थाईलैंड से बुलवाया था। उन्होंने आरोपी के खिलाफ सम्यक धाराओं में एफआईआर दर्ज कराते हुए विधिक कार्यवाही कराये जाने की मांग की।
उधर, राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर को पत्र लिख कर सोशल मीडिया के जरिये उनके परिवार को बदनाम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उन्होने कहा कि पुलिस अपनी जांच में मृतका की कॉल डिटेल के आधार पर उसके करीबियों को खंगाले। महिला किसके कहने पर अस्पताल में भर्ती कराई गई। किसके कहने पर लखनऊ आई थी और कहां ठहरी थी। पुलिस एजेंट सलमान की भूमिका की भी जांच करे।