प्याज के साथ आलू की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. त्योहारी सीजन के बाद आलू के दाम में और अधिक इजाफा देखा गया है. ज्यादातर शहरों में आलू 50 रुपये किलो बिक रहा है. लेकिन अब जल्द ही आसमान छू रही कीमतों में राहत मिलने की उम्मीद है. इसकी सबसे बड़ी वजह पश्चिम बंगाल (West Bengal) से सप्लाई बढ़ना है. हालांकि, पश्चिम बंगाल में भी यह अभी 50 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं बिहार के दरभंगा जिले में कीमत 45 रुपये, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में यह 45 रुपये और दिल्ली एनसीआर में आलू 50 रुपये किलो बिक रहा है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने 27 नवंबर को जारी एक नोटिस में 465 कोल्ड स्टोरेज मालिकों को 30 नवंबर तक अपने बचे स्टॉक का निपटान करने को कहा था, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. नोटिस के बाद कोल्ड स्टोरेज मालिकों में दहशत है. एक अधिकारी ने कहा कि पिछले तीन दिन में आलू की कीमतों में कोल्ड स्टोरेज गेट पर 5 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है और आगे भी गिरावट आएगी.
पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज असोसिएशन के एक अधिकारी ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज गेट पर आलू के विभिन्न किस्मों की थोक दरों में पिछले तीन दिनों में पांच रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है. आगे इसके लगभग 28 रुपये तक घटने की संभावना है. इससे स्थानीय बाजारों में आलू के खुदरा दाम 40 रुपये किलो से नीचे जाने में मदद मिलेगी. सात दिसंबर तक लगभग 50 फीसदी कोल्ड स्टोरेज अपने स्टॉक खाली कर सकेंगे, जबकि बाकी में यह दिसंबर मध्य तक खाली होंगे. अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में लगभग 6-8 लाख टन (10 प्रतिशत) आलू अभी भी कोल्ड स्टोरेज में पड़ा हुआ है और उन्हें आलू मालिकों के साथ तालमेल बनाते हुए स्टॉक को खाली करने में कुछ और समय लगेगा.