राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी सांसदों के हंगामे का मुद्दा उठा. सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्ष के दुर्व्यवहार पर कहा कि कल राज्यसभा के लिए बुरा दिन था. इसके बाद कार्रवाई करते हुए आठ सांसदों को एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया गया. हालांकि मनाही के बावजूद निलंबित सदस्य सदन की कार्यवाही में लगातार हिस्सा लेते रहे. जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी और इसे मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित करना पड़ा. संसद परिसर में निलंबित सांसद धरना दे रहे हैं. भाजपा ने निलंबित सांसदों के सदन में मौजूद रहने को गुंडागर्दी करार दिया. वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि हम घुटने नहीं टेकेंगे.
राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे 12 दल
कांग्रेस सांसद शक्तिसिन्ह गोहिल ने कहा, कल मतदान के बिना राज्यसभा द्वारा पारित कृषि विधेयकों के मामले में 12 दलों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है. पार्टियों ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे विधेयकों को मंजूरी न दें.
ये सांसद दे रहे हैं धरना
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, आप के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा और सैयद नासिर हुसैन, सीपीआईएम के केके रागेश और एलमरन करीम संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन्हें सभापति ने उपसभापति हरिवंश के साथ दुर्व्यवहार करने की वजह से एक हफ्ते के लिए निलंबित किया है.
सदस्यों की यथास्थिति बहाली तक जारी रहेगा धरना
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता-प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, मैं राज्यसभा सदस्यों के इस तरह के बर्बर और अलोकतांत्रिक तरीके से निष्कासन की निंदा करता हूं. हम राज्यसभा में अपने सदस्यों की यथास्थिति बहाली होने तक विरोध करेंगे.
संसद और सड़कों पर इस फासीवाद सरकार से लड़ेंगे
किसानों के हितों की रक्षा के लिए लडऩे वाले 8 सांसदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण है और इस निरंकुश सरकार की मानसिकता को दर्शाता है जो लोकतांत्रिक मानदंडों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करती है. हम घुटने नहीं टेकेंगे. हम संसद और सड़कों पर इस फासीवादी सरकार से लड़ेंगे.
देश को गुमराह कर रहे हैं मोदी जी और उनके मंत्री
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, मोदी जी और उनके मंत्री देश को गुमराह करने में मास्टर हैं. सब चिल्ला-चिल्ला कर कहेंगे न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म नहीं होगा, लेकिन जब पूछोगे कानून में क्यों नहीं लिखा? तो गजनी मोड में चले जाएंगे. कानून में मोदी जी ने एमएसपी खत्म कर दी है.
निलंबित सदस्यों ने की गुंडागर्दी
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, जब सभापति किसी सदस्य का नाम लेता है तो उस सदस्य को सदन छोडऩा पड़ता है. इससे पहले कभी किसी सदस्य ने पीठासीन के आदेशों की अवहेलना नहीं की. आठ निलंबित सांसदों ने दुर्व्यवहार किया था, यह एक प्रकार की गुंडागर्दी है. उन्होंने साबित कर दिया है कि उन्हें लोकतंत्र पर कोई भरोसा नहीं है.