लखनऊ। मानसून की दस्तक के साथ ही नगर निगम में नालों की सफाई को लेकर हुए भ्रष्टाचार की पोल परत दर परत खुलकर सबके सामने आने लगी है। आज राजधानी में अचानक हुई बारिश से लोगों को जहाँ गर्मी से राहत मिली वहीं दूसरी तरफ सड़क व दुकान में पानी भरने से लोगों को खासी दिक्कतों का समाना करना पड़ा।
बुधवार की शाम राजधानी लखनऊ में कुछ देर हुई बरसात के बाद शहर के कई वार्डों में लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा। ऐसा तब है जब नगर निगम की ओर से नालों की सफाई के लिए हर साल लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किये जाते हैं।
ऐसा ही एक मामला राजधानी के एलडीए, सेक्टर-बी इलाके में स्थित मंगलम प्लाजा में देखने को मिला। यहां प्लाजा के लोअर ग्राउंड फ्लोर में रितुराज चिकन शॉप के नाम से बसंत पांडेय की कपड़ों की दुकान है। बसंत पांडेय ने बताया कि शाम को हुयी बरसात का पानी दुकान में भरने से अंदर रखा लाखों रूपये का सामान जलमग्न हो गया। उनकी दुकान के अलावा बगल में मौजूद तनिष्क और पीएनबी बैंक के लोअर ग्राउंड फ्लोर में भी बरसात का पानी घुस गया।
श्री पांडेय ने कहा की यह कोई पहली बार नहीं है जब बरसात का पानी उनकी दुकान में भरा है। इसके पहले भी बरसात के दिनों में आसपास के दुकानदारों व स्थानीय लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा है, जिसकी शिकायत करने के बाद नालों की सफाई नहीं कराई गई। जबकि यहीं नजदीक योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह का आवास है। उनके द्वारा फायर और नगर निगम को सूचना देने के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उन्होंने स्वयं सेफ्टी टैंक बुलवाकर दुकान में भरे पानी को निकलवाया।