विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका हैं. राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव की जमीनी स्तर पर पार्टीयां अपने-अपने स्तर पर जनता से जुड़ने का प्रयास कर रही हैं की चुनावी परिणाम पक्ष में आ सके। ऐसे में लुणकरणसर की सीट पर कुछ अलग देखने को मिल सकता है जिसमें जातियों के साथ-साथ उप-जाति का फेक्टर भी देखने को मिलेगा। लुणकरणसर क्षैत्र सबसे ज्यादा जाट बाहुल्य रहा है उसमें भी जाट-उपजाति गोदारा जाति का एकतरफा प्रभाव रहता है जिस जाति से वर्तमान भाजपा विधायक सुमित गोदारा आते है।
पिछली बार गोदारा ने भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर 72822 वोट पाकर जीते थे, कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी वीरेंद्र बेनीवाल को 61969 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे, निर्दलीय प्रत्याशी प्रभु दयाल सारस्वत ने 23892 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे व बसपा के प्रत्याशी पवन कुमार ओझा को मात्र 2720 वोट प्राप्त हुए थे।
वैसे तो कांग्रेस से विरेन्द्र बेनिवाल 2003 में पहली बार 79,986 वोट प्राप्त कर भाजपा के माणिकचन्द सुराणा से जीते थे और दुसरी बार 2008 में 47,050 वोट पाकर इंडियन नेशनल लोकदल के लक्ष्मीनारायण से जीते थे। परन्तु 2013 में निर्दलिय प्रत्यशी रहे माणिक चन्द सुराणा से हार का सामना करना पड़ा था और तीसरे स्थान पर रहे थे तथा दूसरे स्थान पर भाजपा से सुमित गोदारा रहे थे।
इस बार सर्वे के अनुसार देखा गया है कि इस बार लुणकरनसर की जनता का मन बदलाव के साथ-साथ नयेपन की तरफ झुकता नजर आ रहा है, लोगों का कहना है कि इस बार सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ नये चेहरें को मौका देना चाहिए ताकि नवीनीकरण के साथ न्यू आईडियाज पर बात हो सके।
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इन सभी पहुलुओं को देखते हुए कांग्रेस पार्टी भी इस बात का खास खयाल रखते हुए ये तय कर सकती है कि नये चेहरें पे दाव लगाया जाये। जो सीट को कांग्रेस के पालें में आ सके इसलिए जनता का रूख देखते हुए इस बार कांग्रेस, भाजपा को टक्कर देने के लिए गोदारा जाति से आने वाले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ सदस्य राय सिंह गोदारा को भी मैदान में उतारने की तैयारी में है।