अभिनेत्री राखी सावंत ने हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया और पिछले साल एक मॉडल द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि और शीलभंग के मामले को रद्द करने की मांग की।
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मॉडल ने शिकायत की थी कि सावंत ने उसके अनुचित वीडियो और तस्वीरें वायरल कीं और मीडिया को दिखाया गया वीडियो यौन रूप से गलत था। हालांकि, राखी ने दावा किया कि शिकायतकर्ता महिला ने बदला लेने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
राखी की याचिका
अधिवक्ता अली काशिफ खान देशमुख के माध्यम से दायर सावंत की याचिका में कहा गया है, “शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए झूठे आरोप और मानहानिकारक बयान न केवल व्यक्तिगत परेशानी का कारण बनते हैं, बल्कि सावंत के एक बार के सफल करियर को भी बर्बाद कर देते हैं। यह स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता द्वेष रखता है और उसने बदले की कार्रवाई के रूप में झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई है।”
राखी पर इन धाराओं में केस दर्ज
राखी सावंत पर धारा 67 के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (ए) (एक महिला की विनम्रता को अपमानित करना), 500 (मानहानि), 504 (शांति भंग करने का इरादा), और 509 (एक महिला की विनम्रता का अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
आरोपपत्र को रद्द करने की मांग
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उन्होंने और शिकायतकर्ता ने सौहार्दपूर्ण ढंग से सभी विवादों को सुलझा लिया था। हालांकि, एफआईआर का लंबित रहना शिकायतकर्ता द्वारा न्यायिक समय बर्बाद करने की एक रणनीति के अलावा कुछ नहीं था।
उन्होंने दावा किया कि आईपीसी की धारा 354ए किसी महिला के खिलाफ नहीं लगाई जा सकती, क्योंकि यह एक पुरुष के खिलाफ लागू होती है। एफआईआर के अलावा राखी सावंत ने 18 अक्तूबर, 2023 को अपने खिलाफ दायर आरोपपत्र को भी रद्द करने की मांग की है।