बीते दिनों लगातार मंदी की ख़बरों के बीच सरकार के लिए एक बड़ी राहतभरी खबर है. एक सर्वे में दावा किया गया है कि भारत का संकटग्रस्त विनिर्माण क्षेत्र अब पटरी पर आ रहा है और में जनवरी में मैन्युफैक्चरिंग ऐक्टिविटी आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है.
भारत का विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) जनवरी में 55.3 तक पहुंच गया, जो दिसंबर में 52.7 था. डेटा एनालिटिक्स फर्म IHS मार्किट के सर्वेक्षण ने 400 निर्माताओं पर नए ऑर्डर, आउटपुट, जॉब्स, सप्लायर्स के डिलीवरी समय और खरीद के स्टॉक का अध्ययन किया है.
पीएमआई के परिणाम का मतलब यह है कि वृद्धि बिक्री, इनपुट खरीद, उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. जनवरी में वस्तु और सेवा कर (GST) रेवेन्यू में बढ़ोतरी सहित कई संकेतकों में सुधार के साथ विश्लेषकों का मानना है कि मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि होने की उम्मीद है. आईएचएस मार्किट ने यह कहा कि जनवरी में हायरिंग एक्टिविटी में सुधार हुआ है और फर्मों ने साढ़े सात साल के करीब सबसे तेज दर से रोजगार बढ़ाया है.
कहा गया है कि ”नई व्यवसाय वृद्धि और पाइपलाइन परियोजनाओं को रोजगार सृजन के मुख्य कारणों के रूप में उद्धृत किया गया है. आईएचएस मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स (विनिर्माण पीएमआई) जनवरी में 55.3 अंक 2012 से 2020 के बीच सबसे ऊंचा स्तर है. कहा गया है कि नवंबर 2018 की तुलना के बाद एक्पोर्ट में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.