लखनऊ, (दया शंकर चौधरी)। देश में वित्तीय शिक्षा के संदेशों के प्रसार के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) द्वारा वर्ष 2016 से हर साल वित्तीय साक्षरता सप्ताह (Financial Literacy Week) का आयोजन किया जा रहा है। वित्तीय साक्षरता अभियान में महिलाओं की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस वर्ष के वित्तीय साक्षरता सप्ताह की थीम (Theme) “वित्तीय समझदारी – समृद्ध नारी” (Financial Awareness – Prosperous Women) रखी गई है। इस अभियान का उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना, महिलाओं को अपने वित्तीय भविष्य (Financial Future) की जिम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बनाने के साथ ही वित्तीय नियोजन, बचत और जोखिम प्रबंधन तथा विकास के लिए ऋण प्राप्त करने के बारे में जागरूक करना है। इस वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह 24 फरवरी से 28 फरवरी तक मनाया जा रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक, लखनऊ द्वारा नाबार्ड, बैंक, आर-सेटी जैसे विभिन्न हितधारकों के समन्वय से राज्य भर में महिलाओं को लक्षित करते हुए कई आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन गतिविधियों में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जनता के लिए वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित करना और महिलाओं को विशेष साक्षरता शिविरों के माध्यम से वित्तीय रूप से जगरूक बनाना शामिल है। इन शिविरों में भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे। बैंकों को कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइटों, एटीएम, मोबाइल एप्लिकेशन और अपनी शाखाओं में लगे डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर रिज़र्व बैंक द्वारा तैयार की गई वित्तीय साक्षरता सामग्री को प्रदर्शित करें। रिज़र्व बैंक द्वारा चुनी हुई थीम पर राजधानी में प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग्स, एलईडी और डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से आवश्यक वित्तीय जागरूकता संदेशों को प्रसारित करने के लिए एक मास मीडिया अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान को गति देने के लिए पूरे राज्य में नुक्कड़ नाटक और जादू शो भी आयोजित किए जा रहे हैं।
वित्तीय साक्षरता सप्ताह-2025 का शुभारंभ भारतीय रिज़र्व बैंक, लखनऊ के क्षेत्रीय निदेशक पंकज कुमार द्वारा 24 फरवरी 2025 को लखनऊ के होटल रेनेसां में किया गया। इस अवसर पर इंदु पुरी (पूर्व भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी), सोनाली दास, महाप्रबंधक एवं राकेश दुबे, उपमहाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुख्य महाप्रबंधक-नाबार्ड, निदेशक-बर्ड, उप महाप्रबंधक-एसएलबीसी, सभी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह में वित्तीय साक्षरता सप्ताह थीम पर आधारित वित्तीय साक्षरता पोस्टरों का अनावरण भी किया गया।
अपने संबोधन में क्षेत्रीय निदेशक ने अर्थव्यवस्था, घर और समुदाय को आकार देने में महिलाओं द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने महिलाओं को वित्तीय ज्ञान से लैस करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे जहाँ महिलाओं का व्यक्तिगत विकास होगा, वहीं परिवारों, व्यवसायों और व्यापक अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती मिलेगी। उन्होंने उल्लेख किया कि सतत वित्तीय समावेशन के लिए वित्तीय साक्षरता, ग्राहक संरक्षण और शिकायत निवारण महत्वपूर्ण फोकस के क्षेत्र रहे हैं। महिलाओं के बीच व्यापक वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि यह सभी हितधारकों की जिम्मेदारी है कि वित्तीय उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को कौशल, ज्ञान और आत्मविश्वास से लैस किया जाए। उन्होंने महिलाओं के बीच डिजिटल वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने और डिजिटल वित्तीय उत्पादों के सुरक्षित उपयोग को प्रोत्साहित करने के महत्व पर भी बल दिया।
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उन्होंने वित्तीय साक्षरता सप्ताह-2025 के उप-विषयों, यथा- ‘वित्तीय नियोजन’, ‘बचत और जोखिम प्रबंधन’ और ‘महिला उद्यमियों द्वारा विकास हेतु ऋण प्राप्त करना’ पर चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह से वित्तीय नियोजन, बजट और जोखिम विविधीकरण की समझ महिलाओं को अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने में सहायक है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आज महिला उद्यमियों के लिए आवश्यक है कि वे अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखें, विनियमित संस्थाओं से उधार लें और अपने व्यवसायों को सतत रूप से आगे बढ़ाने के लिए ऋण का जिम्मेदारी से उपयोग करना सीखें। उन्होंने सभी हितधारकों से वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2025 के संदेशों को व्यापक रूप से प्रचारित करने का आग्रह किया।
अपने संबोधन में सोनाली दास, महाप्रंधक, आरबीआई ने परिवारों, समुदायों और राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने वित्तीय समावेशन को प्राप्त करने में वित्तीय साक्षरता के महत्व को रेखांकित किया।