Breaking News

अब लाइलाज नहीं रहा शिशुओं के जन्मजात टेढ़े पंजे

• समय से हो उपचार तो ठीक हो जाती है यह जन्मजात विकृति
• विश्व क्लबफुट दिवस पर आयोजित हुआ जागरुकता कार्यक्रम

वाराणसी। शिशुओं के जन्मजात टेढ़े पंजे (क्लबफुट) की विकृति अब लाइलाज नहीं रही। समय से उपचार होने पर यह पूरी तरह ठीक हो जाती है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत इसके उपचार की सुविधा उपलब्ध है। विश्व क्लबफुट दिवस पर शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में व अनुष्का फाउण्डेशन के सहयोग से पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा आरके सिंह ने उक्त विचार व्यक्त किया।

अब लाइलाज नहीं रहा शिशुओं के जन्मजात टेढ़े पंजे

डा आरके सिंह ने कहा कि क्लबफुट इलाज के लिए पोंसेटी पद्धति के विकासकर्ता डॉ इग्नासियो पोंसेटी के जन्मदिन 3 जून को हर वर्ष विश्व क्लब फुट दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही क्लबफुट की जन्मजात विकृति का उपचार कराने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। उन्होंने कहा कि टेढ़े पंजे (क्लबफुट) की समस्या एक जन्मजात विसंगति है। ऐसे बच्चों के पंजे जन्म के बाद अंदर की ओर मुड़े होते हैं। किसी बच्चे का दोनों पैर तो किसी बच्चे का एक पैर भी अंदर की ओर मुड़ा हुआ हो सकता है। अगर समय से उपचार हो तो ऐसे बच्चे पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।

👉अच्छा काम करने वालों को पूरा सहयोग मिलेगा, लापरवाही बरतने पर जवाबदेही तय होगी – जितिन प्रसाद

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्या ने कहा कि आरबीएसके के तहत ऐसे बच्चों के उपचार की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे नवजात बच्चों का उपचार जितनी जल्द शुरू हो उतना ही प्रभावी परिणाम आते है। इस इलाज में बच्चों के पंजों में 4-6 सप्ताह तक प्लास्टर लगाया जाता है। इसके पश्चात पंजे के पिछले हिस्से में एक मामूली चीरा लगाकर पुनः प्लास्टर लगा दिया जाता है। इस प्लास्टर को भी 21 दिन बाद काट दिया जाता है और बच्चे के पैरों में ब्रेस (विशेष रूप से तैयार किये गये जूते) पहनाये जाते है। तीन से -पांच वर्ष में ऐसे बच्चे पूरी तरह सामान्य हो जाते हैं।

अब लाइलाज नहीं रहा शिशुओं के जन्मजात टेढ़े पंजे

इस अवसर पर अनुष्का फाउण्डेशन के शाखा प्रबंधक भूपेश सिंह ने बताया कि अनुष्का फाउण्डेशन के सहयोग से बीते चार वर्षो में क्लबफुट पीड़ित 276 बच्चों का उपचार किया जा चुका है। इनमें दो सौ से अधिक बच्चे अब सामान्य रूप से चलने लगे हैं। शेष का उपचार जारी है। फाउण्डेशन की प्रोग्राम एक्जक्यूटिव नेहल कपूर ने बताया कि पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के कक्ष संख्या 108 में प्रत्येक शनिवार, शिवप्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय के कक्ष संख्या 11 में प्रत्येक बुधवार व बीएचयू के सरसुन्दर लाल चिकित्सालय के कक्ष संख्या 11 में प्रत्येक गुरूवार को क्लबफुट पीड़ित बच्चों के उपचार के लिए कैम्प लगता है।

👉ओडिशा ट्रेन हादसे पर सियासत शुरू, अजित पवार बोले ऐसा…

पीड़ित बच्चों के अभिभावक इसका लाभ उठा सकते हैं। इस जागरुकता कार्यक्रम में क्लबफुट पीड़ित काफी संख्या में बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी शामिल हुए। कार्यक्रम के प्रारंभ में क्लबफुट इलाज की पोंसेटी पद्धति के विकासकर्ता डॉ इग्नासियो पोंसेटी का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। समारोह में डॉ सुशील अग्रवाल, डॉ केके बरनवाल, डॉ ब्रजेश सिंह के अलावा आरबीएसके की टीम व अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे।

अब लाइलाज नहीं रहा शिशुओं के जन्मजात टेढ़े पंजे

चुनकुनी-चौबेपुर से अपने चार वर्ष की बेटी श्रद्धा के साथ कार्यक्रम में शामिल सुजाता विश्वकर्मा ने बताया कि उसकी बेटी के एक पैर का पंजा अंदर की ओर जन्मजात मुड़ा हुआ था। प्लास्टर लगाकर उपचार यहां किया गया। अब श्रद्धा सामान्य रूप से चलने लगी है। वरुणापुल क्षेत्र से आयी अंशी ने बताया कि इस उपचार का ही नतीजा है कि उनका ढाई वर्ष का बेटा रुद्रांश अब सामान्य रूप से चल-फिर रहा है। उसका एक पंजा जन्म से अंदर की ओर मुडा था लेकिन उपचार कराने से अब वह पूरी तरह ठीक हो चुका है।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता

About Samar Saleel

Check Also

अरविंद केजरीवाल की बढ़ी न्यायिक हिरासत, सात मई को होगी अगली सुनवाई

दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत सात ...